Sarva Pitru Amavasya 2022: सर्व पितृ अमावस्या पर न करें ये 8 काम, जिंदगी भर पड़ेगा पछताना

Published : Sep 23, 2022, 11:14 AM ISTUpdated : Sep 25, 2022, 08:21 AM IST
Sarva Pitru Amavasya 2022: सर्व पितृ अमावस्या पर न करें ये 8 काम, जिंदगी भर पड़ेगा पछताना

सार

Sarva Pitru Amavasya 2022: श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सभी पितरों का श्राद्ध सम्मिलित रूप से करने का विधान है। इस बार ये तिथि 25 सितंबर, रविवार को है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।  

उज्जैन. इस बार 25 सितंबर, रविवार को श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2022) कहते हैं। इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण आदि करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन पितृ देवता अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर अपने लोक में लौट जाते हैं। इस दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो पितृ नाराज हो सकते हैं। आगे जानिए वो कौन-कौन से काम है जो सर्व पितृ अमावस्या पर नहीं करने चाहिए…

1. सर्व पितृ अमावस्या पर क्षौर कर्म न करवाएं यानी न तो बाल कटवाएं और शेविंग करवाएं। साथ ही इस दिन नाखून भी न काटें। श्राद्ध पक्ष के दौरान इन कामों की मनाही है। इसलिए सर्व पितृ अमावस्या पर भी ये काम भूलकर न करें। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ऐसा करने से पितृ देवता नाराज हो सकते हैं।
2. सर्व पितृ अमावस्या पर  तामसिक चीजें जैसे लहसुन-प्याज आदि नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा चना, काले उड़द, काला नमक, राई, सरसों आदि नहीं खाना चाहिए। ये सभी चीजें श्राद्ध कर्म में निषेध मानी गई हैं यानी ये सभी चीजें श्राद्ध के दौरान नहीं खाना चाहिए। 
3. वायु पुराण के अनुसार श्राद्ध पक्ष के दौरान मांसाहार व शराब से बचना चाहिए, नहीं तो पितृ नाराज हो जाते हैं। अमावस्या तिथि पर तो इन बातों का ध्यान विशेष रूप से रखना चाहिए। नहीं तो निकट भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 
4. श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तिथि पर बॉडी मसाज या तेल की मालिश नहीं करवानी चाहिए। इससे मन में विकार आने की संभावना रहती है। इसलिए इस काम से दूर ही रहना चाहिए।
5. धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष की अमावस्या बहुत खास होती है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मन, वचन से भी ये व्रत टूटना नहीं चाहिए। इस दिन सात्विकता का पालन करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
6. नियम के अनुसार, लोहे के आसन पर बैठकर श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए। रेशमी, कंबल, लकड़ी, कुशा आदि के आसन श्रेष्ठ हैं। 
7. अगर इस दिन को व्यक्ति आपके घर भोजन की आशा से आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। भोजन न हो तो जो भी उपलब्ध है, वो उसे जरूर दें।
8. सर्व पितृ अमावस्या पर किसी गरीब-असहाय व्यक्ति का मजाक न उड़ाएं। अगर ऐसा कोई व्यक्ति सामने आ जाए तो उसकी हरसंभव मदद की कोशिश करें।


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