Sawan 2022: कावड़ यात्रियों को करना पड़ता है इतने कठिन नियमों का पालन, जानकर छूट जाएंगे आपके पसीने

भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन (Sawan 2022) 14 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा। शिव भक्तों की इस महीने का बेसब्री से इतंजार रहता है। इस महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं कोई पूरे महीने जूते-चप्पल नहीं पहनता तो कोई सिर्फ एक समय भोजन करता है।
 

Manish Meharele | Published : Jul 13, 2022 12:26 PM IST

उज्जैन. भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कावड़ यात्रा (Kavad Yatra 2022) भी एक श्रेष्ठ माध्यम है। कावड़ में एक लकड़ी के दोनों सिरों पर रस्सी के माध्यम से मटकी या कोई बर्तन बंधा रहता हैं, जिसमें पानी भरकर भक्तजन कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शिव मंदिर ले जाते हैं और अभिषेक करते हैं। इस यात्रा के दौरान कई कठिन नियमों (Kavad travel rules) का पालन करना पड़ता है। आज हम आपको कावड़ यात्रा से जुड़े इन्हीं नियमों का बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

ये चीजें खाने पर होती है पाबंदी
जो भी व्यक्ति कांवड़ यात्रा में शामिल होता है उसे किसी भी तरह का नशा करने का मनाही होती है। यात्रा के दौरान मांस या अंडे खाने पर भी पाबंदी रहती है। कुछ लोग तो यात्रा के दौरान लहसुन-प्याज भी नहीं खाते क्योंकि इन्हें तामसिक माना जाता है यानी इन्हें खाने में मन में बुरे विचार आने की संभावना रहती है। 

शुद्धता का रखा जाता है पूरा ध्यान
कावड़ यात्रा के दौरान शारीरिक शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। बिना स्नान किए कावड़ यात्री कावड़ को नहीं छूते। यदि मार्ग में किसी कारणवश कावड़ कंधे से उतारनी पड़े तो बिना शुद्ध हुए दोबारा कावड़ को हाथ नहीं लगाते। कावड़ यात्रा के दौरान तेल, साबुन, कंघी करने व अन्य श्रृंगार सामग्री का उपयोग भी नहीं किया जाता।

Latest Videos

इन कामों की भी होती है मनाही
कावड़ यात्रियों के लिए चारपाई पर बैठना एवं किसी भी वाहन पर चढ़ना भी मना है। कावड़ यात्रियों की पूरी यात्रा पैदल ही तय करनी पड़ती है। कुछ कावड़ यात्री यात्रा के दौरान जूते-चप्पल भी नहीं पहनते। यात्रा के दौरान चमड़े से बनी चीजों जैसे बेल्ट, पर्स आदि का स्पर्श करना भी मना होता है। 

पूरी यात्रा में करते हैं बोल बम का उद्घोष
कावड़ यात्री उत्साह बनाए रखने के लिए रास्ते भर बोल बम और जय-जय शिव शंकर का उद्घोष करते हुए चलते हैं। इससे उनका ध्यान दूसरी ओर नहीं भटकता और शिवजी के प्रति आस्था बनी रहती है। यात्रा के दौरान कावड़िए कावड़ की रखकर इधर-उधर नहीं जा सकते। उन्हें कावड़ के साथ ही रहना होता है।

ये भी पढ़ें-

Sawan 2022: शिव पूजा में की गई ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, महादेव को ये चीजें भूलकर भी न चढ़ाएं


Sawan 2022: सावन में 2 बड़े ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे वक्री, इन कारणों से भी इस बार खास रहेगा ये महीना

Sawan 2022: 29 दिन के सावन में पा सकते हैं जीवन भर की खुशियां, शिव पूजा में जरूर चढ़ाएं ये 5 चीजें

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

नवादा में क्यों दलितों पर टूटा दंबंगों का कहर, स्वाहा हो गए 80 से ज्यादा घर । Bihar Nawada News
OMG! यहां बीवियां हो जाती हैं चोरी, जानें कहां चल रहा ऐसा 'कांड'
नक्सली सोच से लेकर भ्रष्टाचार के जन्मदाता तक, PM Modi ने जम्मू में कांग्रेस को जमकर सुनाया
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
करोलबाग हादसाः 'मां चिंता मत करना' 12 साल के अमन की मौत ने हर किसी को रुलाया