Sawan: भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं आंकड़े और धतूरे जैसी जहरीली चीजें, जानिए लाइफ मैनेजमेंट

Published : Aug 10, 2021, 11:44 AM ISTUpdated : Aug 10, 2021, 12:48 PM IST
Sawan: भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं आंकड़े और धतूरे जैसी जहरीली चीजें, जानिए लाइफ मैनेजमेंट

सार

सावन (Sawan 2021) मास में भगवान शिव (Shivji) को उनकी प्रिय चीजें चढ़ाने की परंपरा है जैसे भांग, आंकड़े का फूल, बेल पत्र आदि। ये चीजें अन्य किसी देवता को नहीं चढाई जातीं। भगवान शिव का श्रंगार भी बहुत ही रहस्यमयी और सबसे अलग है। उसमें नाग, भस्म, जहरीले और जंगली फूल और पत्ते शामिल हैं। महादेव का श्रंगार और चढ़ाई गई चीजें देखकर ये समझ में आता है जिनको संसार ने त्याग दिया, शिव ने उसे सहर्ष ही स्वीकार कर लिया।

उज्जैन. भगवान शिव का रूप जितना विचित्र है, उतनी ही अनोखी उन्हें पूजा में चढ़ाई जाने वाली सामग्री है जैसे भस्म, आंकड़ा, धतूरा, बिल्व पत्र आदि। भगवान शिव का ऐसा श्रंगार और चढ़ाई जाने वाली चीजें बताती हैं कि भगवान शिव उन सभी को भी अपनाते हैं, जिसे लोगों ने अपने से दूर कर रखा हो। यानी जो चीजें किसी काम की नहीं वो भी भगवान शिव खुद पर धारण कर लेते हैं।

जिसे लोग त्याग देते हैं उसे शिव अपनाते हैं
- भगवान शिव श्रंगार के रूप में धतूरा, आंकड़े के फूल और बेल पत्र स्वीकारते हैं। शिवजी का यह उदार रूप इस बात की ओर इशारा करता है कि समाज जिसे तिरस्कृत कर देता है, शिव उसे स्वीकार लेते हैं। 
- शिव पूजा में धतूरे और आंकड़े जैसे जहरीली चीजें चढ़ाने के पीछे भी भाव यही है कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में बुरे व्यवहार और कड़वी बाते बोलने से बचें। 
- स्वार्थ की भावना न रखकर दूसरों के हित का भाव रखें। तभी अपने साथ दूसरों का जीवन सुखी हो सकता है।
- भगवान शिव को आंकड़ा और धतूरा प्यारा होने की बात में भी संदेश यही है कि शिवालय में जाकर शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। 

ये है धार्मिक महत्व 
धार्मिक नजरिये से इसका कारण देवी भागवत पुराण में बताया गया है। इस ग्रंथ के अनुसार शिवजी ने जब समुद्र मंथन से निकले हालाहल विष को पी लिया था तो वह व्याकुल होने लगे। तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल जैसी औषधियों से शिव जी की व्याकुलता दूर की। उस समय से ही शिव जी को भांग धतूरा प्रिय है। जो भी भक्त शिव जी को भांग धतूरा अर्पित करता है, शिव जी उस पर प्रसन्न होते हैं।

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