सार

हमारे देश में भगवान शिव (Shiva) के अनेक चमत्कारी मंदिर हैं। सावन (Sawan) मास में इन मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इनमें से कई मंदिर अपने अंदर कई विशेषताएं समाएं हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर पूर्वी राज्य ओडिशा (Odisha) के सबसे गर्म इलाके टिटलागढ़ (Titlagarh) में स्थित है। इसे जगरामेश्वर मंदिर (Jagrameshwar Temple) कहा जाता है। यहां कुम्हडा नाम का एक  पहाड़ है। इसी पर्वत की चोटी पर ये मंदिर बना हुआ है। ये लोगों की आस्था का केंद्र है।

उज्जैन. ओडिशा (Odisha) के  टिटलागढ़ (Titlagarh) के कुम्हड़ा पर्वत पर बने मंदिर को जगरामेश्वर मंदिर (Jagrameshwar Temple) कहा जाता है। कुम्हड़ा पहाड़ पर सीधी तेज धूप पड़ती है और पथरीली चट्टानें हैं, जिसकी वजह से यहां पर गर्मी का एहसास कुछ ज्यादा ही होता है, लेकिन इसी भीषण गर्मी के बीच जब आप शिव मंदिर में प्रवेश करते हैं तो गजब की ठंडक का अहसास होता है। यही इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है।

अनसुलझी पहेली ये मंदिर
यह एक ऐसा मंदिर है जहां गर्मी में भी ठंड का अहसास होता है। मंदिर के बाहर पथरीला पहाड़ है। जहां लगातार गर्मी पड़ती रहती है, लेकिन शिव मंदिर के अंदर का तापमान हमेशा सुखद बना रहता है, जबकि इस मंदिर में किसी तरह का कूलर या एयर कंडीशनर भी नहीं लगा हुआ है। फिर भी इस मंदिर का तापमान हमेशा कम रहता है। खास बात यह है कि जैसे जैसे बाहर का तापमान बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे मंदिर का तापमान कम होता चला जाता है।

भीषण गर्मी में भी आ जाती है कंबल ओढ़ने की नौबत
मई-जून में जब बाहर का तापमान कई बार 55 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन उन्हीं परिस्थितियों में टिटला गढ़ शिव मंदिर के अंदर ठंड भी बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम में कई बार मंदिर के अंदर कंबल ओढ़ने की नौबत भी आ जाती है। मंदिर आने वाले श्रद्धालु पूरे रास्ते भीषण गर्मी से परेशान रहते हैं, लेकिन जैसे ही वह मंदिर के अंदर कदम रखते है वैसे ही ठंड के मारे कांपने लगते हैं। ठंड का यह अहसास मात्र मंदिर परिसर के अंदर तक ही रहता है। बाहर वैसी ही चिलचिलाती गर्मी पड़ती है।

प्रतिमा से निकलती है ठंडी हवा
यहां के पुजारियों का कहना है कि इस मंदिर में ठंड का स्रोत भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा है। उनकी मूर्ति से ही ठंडी हवा निकलती है जो कि पूरे मंदिर को ठंडा कर देती है। यहां दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं। मान्यता है कि इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

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