शनि जयंती: शनिवार को जूते-चप्पल का चोरी होना अच्छा क्यों माना जाता है, क्या है इससे जुड़ी मान्यता?

इस बार 22 मई, शुक्रवार को शनि जयंती है। शनिदेव से जुड़ी अनेक भ्रांतियां हमारे समाज में प्रचलित हैं। ऐसी ही एक मान्यता है कि यदि शनिवार को जूते या चप्पल चोरी हो जाएं तो इसे शुभ संकेत मानना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है।

Asianet News Hindi | Published : May 20, 2020 4:55 AM IST

उज्जैन. कई लोग शनि मंदिरों में जूते छोड़ भी देते हैं, इसे शुभ माना जाता है। आखिर शनिवार को जूते चोरी हो जाने से क्या लाभ होता है? क्यों ऐसा माना जाता है कि चमड़े के जूते चोरी हो जाएं तो सारी परेशानी उसके साथ चली जाती हैं?

शुभ संकेत है जूतों का चोरी होना
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, अगर शनिवार को जूते-चप्पल चोरी हो जाएं तो इसे शुभ संकेत मानना चाहिए। ऐसा समझना चाहिए कि जूते-चप्पल के साथ आपकी परेशानी भी चली गई है।
- ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर और कठोर न्यायप्रिय ग्रह माना गया है। शनि जब किसी के विपरित होता है तो उस व्यक्ति को जी-तोड़ मेहनत के बाद भी फल थोड़ा ही मिलता है। शनिवार शनि का दिन माना जाता है।
- हमारे शरीर के अंग भी ग्रहों से प्रभावित होते हैं। त्वचा (चमड़ी) और पैर में शनि का वास माना जाता है, इनसे संबंधित चीजें शनि के लिए दान की जाती हैं और इनकी बीमारियां भी शनि से संबंधित होती हैं।
- चमड़ा और पैर दोनों ही शनि से प्रभावित होते हैं, इस कारण जूते-चप्पल अगर शनिवार को चोरी हो जाएं तो मानना चाहिए कि हमारी परेशानी कम होने जा रही हैं। शनि अब ज्यादा परेशान नहीं करेगा।
- कई लोग इसी कारण से शनिवार को शनि मंदिरों में जूते-चप्पल भी छोड़कर आते हैं ताकि शनिदेव उनके कष्ट कम कर दें।

Share this article
click me!