Navratri Vrat Niyam: आप भी करते हैं नवरात्रि व्रत तो ध्यान रखें ये बातें, इन नियमों का करें पालन

Published : Sep 26, 2022, 08:09 AM IST
Navratri Vrat Niyam: आप भी करते हैं नवरात्रि व्रत तो ध्यान रखें ये बातें, इन नियमों का करें पालन

सार

Navratri Vrat Niyam: शारदीय नवरात्रि का पर्व इस बार 26 सितंबर, सोमवार से शुरू हो चुका है। इस दौरान अधिकांश लोग व्रत आदि माध्यमों से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।   

उज्जैन. माता की भक्ति और आराधना की पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022) इस बार 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। ये 9 दिन माता के भक्तों के लिए बहुत ही खास होते हैं। इन 9 दिनों में माता के भक्त व्रत रखते हैं और कठिन साधना कर माता को प्रसन्न करते हैं। जो लोग नवरात्रि के व्रत रखते हैं, उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना जरूर होता है। आगे जानिए नवरात्रि व्रत से जुड़े कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में…

1. जो लोग नवरात्रि के व्रत रखते हैं उन्हें इस दौरान पूरे समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मन और वचन से भी। यानी इस दौरान मन में भी बुरे विचार नहीं आने चाहिए और न ही इस संबंध में किसी से कोई बात करनी चाहिए।

2. नवरात्रि के 9 दिनों तक रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद माता की पूजा करें। संभव हो तो मंत्र जाप भी करें। जितना संभव हो सके मन को शांत रखने का प्रयास करें। क्रोध, चुगली, आदि विकार मन में आने चाहिए।

3. नवरात्रि व्रत के दौरान पूरी तरह से सात्विकता का पालन करें। यानी तामसिक चीजों का सेवन न करें जैसे प्याज-लहसुन आदि। राजसी चीजें जैसे पान भी न खाएं। नवरात्रि व्रत में खान-पान पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।  

4. हिंदू धर्म में महिलाओं को देवी स्वरूप ही माना गया है। इसलिए नवरात्रि व्रत के दौरान भूलकर भी किसी महिला का अपमान करें। चाहे वो आपके घर या दुकान में काम करने वाली महिला या लड़की ही क्यों न हो। महिलाओं का सम्मान करने से माता प्रसन्न होती हैं।

5. नवरात्रि व्रत में और भी कई नियमों का पालन करना जरूरी होती है जैसे इस दौरान क्षौर कर्म नहीं करना चाहिए। क्षौर कर्म का अर्थ है नवरात्रि के दौरान बाल न कटवाएं। शेविंग न बनवाएं और नाखून भी न काटें।

6. नवरात्रि व्रत के दौरान पूरी तरह संयमित जीवन जीने का प्रयास करें। जैसे सुबह जल्दी उठे, रात को जल्दी सोएं। किसी तरह का विकार मन में नहीं आना चाहिए। सात्विक भोजन करें। 


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