शुक्र नीति: इन 6 चीजों पर नहीं होता किसी का नियंत्रण, एक-न-एक दिन छोड़ देती हैं साथ

धर्म ग्रंथों में शुक्राचार्य को दैत्यों को गुरु बताया गया है। शुक्राचार्य ने अपनी नीतियों में कई बातें बहुत काम की बताई हैं। अक्सर इंसान का जीवन उन चीजों को काबू करने में लग जाता है जिन पर किसी का भी कोई नियंत्रण नहीं हो सकता।

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2020 3:43 AM IST

उज्जैन. शुक्राचार्य ने अपनी एक नीति में उन 6 चीजों के बारे में बताया है जिनको काबू में रखने की कोशिशें बेकार हैं, क्योंकि उनका स्वभाव ही हमेशा चलने का है। इन चीजों को काबू में करने की बजाय धर्म के मार्ग पर चलते हुए उनका उपभोग करना ज्यादा बेहतर है। शुक्र नीति में ऐसी ही 6 वस्तुओं के बारे में बताया गया हैं, जिन्हें हमेशा अपने पास बनाए रखना किसी के लिए भी संभव नहीं है।

श्लोक
यौवनं जीवितं चित्तं छाया लक्ष्मीश्र्च स्वामिता।
चंचलानि षडेतानि ज्ञात्वा धर्मरतो भवेत्।।

अर्थ - यौवन, जीवन, मन, छाया, लक्ष्मी और सत्ता ये छह चीजें बहुत चंचल होती हैं, इसे समझ लेना चाहिए और धर्म के कार्यों में रत रहना चाहिए।

1. जवानी
हर कोई चाहता है कि उसका रूप-रंग हमेशा ऐसे ही बना रहे, वो कभी बूढ़ा न हो, लेकिन ऐसा होना किसी के लिए भी संभव नहीं होता है। यह प्रकृति का नियम है कि एक समय के बाद हर किसी की युवावस्था उसका साथ छोड़ती ही है। अब हमेशा युवा बने रहने के लिए मनुष्य चाहे कितनी ही कोशिशें कर ले, लेकिन ऐसा नहीं कर पाता।

2. जीवन
जन्म और मृत्यु मनुष्य जीवन के अभिन्न अंग है। जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित ही है। कोई भी मनुष्य चाहे कितने ही पूजा-पाठ कर ले या दवाइयों का सहारा ले, लेकिन एक समय के बाद उसकी मृत्यु होगी ही।

3. मन
मन बहुत ही चंचल होता है। कई लोग कोशिश करते हैं कि उनका मन उनके वश में रहे। लेकिन कभी न कभी वो उनके अनियंत्रित हो ही जाता है और वे ऐसे काम कर जाता है, जो नहीं करना चाहिए।

4. परछाई
मनुष्य की परछाई उसका साथ सिर्फ तब तक देती है, जब तक वह धूप में चलता है। अंधकार आते ही मनुष्य की छाया भी उसका साथ छोड़ देती है।

5. लक्ष्मी
मन की तरह ही धन का भी स्वभाव बड़ा ही चंचल होता है। वह हर समय किसी एक जगह पर या किसी एक के पास नहीं टिकता। इसलिए धन से मोह बांधना ठीक नहीं होता।

6. सत्ता या अधिकार
कई लोगों को पॉवर यानि सत्ता या अधिकार पाने का शौक होता है। वे लोग चाहते हैं कि उन्हें मिला पद या अधिकार पूरे जीवन उन्हीं के साथ रहें, लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है।

Share this article
click me!