हजारों साल पहले विद्वानों ने बता दिया था भविष्य में लोग लिव-इन में रहेंगे, शादी के बारे में कही है ये बड़ी बात

वर्तमान समय में लिन-इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। महानगरों में तो ये एक आम बात है। अब तो कोर्ट ने भी लिव-इन-रिलेशनशिप पर मुहर लगा दी है। इस बारे में हमारे ग्रंथों में हजारों साल पहले बता दिया गया था।

Manish Meharele | Published : Aug 2, 2022 9:09 AM IST / Updated: Aug 02 2022, 02:52 PM IST

उज्जैन. यानी दो वयस्क स्त्री-पुरुष अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ रह सकते हैं और उन पर किसी तरह की कोई बाध्यता भी नहीं रहेगी। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि हजारों साल पहले हिंदू धर्म ग्रंथों में ये बात बता दी गई है। यानी कुछ समय पहले तक जिस संबंध को हमारा समाज नकार रहा था, उसके बारे में हजारों साल पहले ही भविष्यवाणी कर दी गई थी। ये बात श्रीमद्भागवत में बताई गई है, जो हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ हैं। इसमें बताया गया है कलयुग आने पर लोग कि तरह का आचरण करेंगे और उनकी सोच कैसी होगी। आगे जानिए श्रीमद्भागवत में और क्या-क्या लिखा है कलयुग के बारे में… 

लिव-इन-रिलेशन में रहेंगे लोग
श्रीमद्भागवत में लिखा है कि “कलयुग में स्त्री और पुरुष बिना विवाह के ही केवल एक-दूसरे में रुचि के अनुसार साथ-साथ रहेंगे।” इसे ही आज के समय लिव-इन-रिलेशन शिप कहा जाता है। इसके बारे में हमारे विद्वानों ने हजारों साल पहले ही हमें बता दिया था। विवाह के बारे में श्रीमद्भागवत में लिखा है कि “विवाह दो लोगों के बीच बस एक समझौता बनकर रह जाएगा।” वर्तमान समय में कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है।

पैसे के बारे में लिखी है ये बातें
श्रीमद्भागवत के अनुसार, “कलयुग में जिस व्यक्ति के पास जितना धन होगा वो उतना गुणी माना जाएगा और कानून, न्याय केवल एक शक्ति के आधार पर लागू किया जाएगा। जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा वो अधर्मी, अपवित्र और बेकार माना जाएगा। ये बात भी आज सच होती नजर आ रही है। बिजनेस के बारे में कहा गया है “व्यापार की सफलता छल पर निर्भर करेगी।” यानी लोग बिजनेस में सफल होने के लिए किसी से धोखा करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

परिवार के बुजुर्गों का अपमान करेंगे
श्रीमद्भागवत के अनुसार, “ कलयुग में लोग दूर के नदी-तालाबों को तो तीर्थ मानेंगे, लेकिन अपने पास रह रहे माता-पिता की निंदा करेंगे। लोग स्नान करके समझेंगे की वो अंतरआत्मा से भी साफ-सुथरे हो गए हैं।” ये भवि्ष्यवाणी भी सत्य होती नजर आ रही है। आज के समय में लोग देव-दर्शन के लिए दूर-दूर जाते हैं लेकि परिवार के ही बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते। श्रीमद्भागवत में ये भी लिखा है कि “धर्म-कर्म के काम केवल लोगों के सामने अच्छा दिखने और दिखावे के लिए किए जाएगे“ यानी लोग झूठी शान दिखाने के लिए ही दान-धर्म करेंगे। ये भविष्यवाणी भी आज सच होती नजर आ रही है।

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