उज्जैन. श्रीकृष्ण के भोग में तुलसी के पत्ते अनिवार्य रूप से डाले जाते हैं। पहले के समय में हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता था। रोज सुबह तुलसी की पूजा करने के बाद ही महिलाएं घर के अन्य काम करती थीं। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक नहीं वैज्ञानिक तथ्य भी छिपा है, जो इस प्रकार है…
हमारे पूर्वज तुलसी के औषधीय गुणों के बारे में जानते थे, इसलिए उन्होंने इसे धर्म से जोड़ दिया। ताकि सभी लोग अपने-अपने घरों में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं।
मेडिकल साइंस ने भी माना है कि तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं।
तुलसी के इन्हीं गुणों के कारण घर में बैक्टीरिया-वायरस नहीं पनप पाते। यही बीमारियों के प्रमुख कारण होते हैं।
तुलसी का पौधा घर में होने से घर का वातारण शुद्ध होता है और परिवार के लोग भी स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि तुलसी में मौजूद विभिन्न रासायनिक योगिक शरीर में संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडी के उत्पादन में 20% तक की वृद्धि करते हैं। तुलसी की पत्तियों में मौजूद विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।