आज (30 नवंबर, मंगलवार) अगहन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2021) कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन एकादशी तिथि प्रकट हुई थी। इसलिए इसे उत्पन्ना नाम दिया गया है।
उज्जैन. पद्म पुराण के मुताबिक इस दिन व्रत या उपवास करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही कई यज्ञों को करने का फल भी मिलता है। इस बार उत्पन्ना एकादशी पर आयुष्यमान और द्विपुष्कर योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। ये उपाय बहुत ही आसान हैं। आगे जानिए उत्पन्ना एकादशी पर आप कौन-से उपाय कर सकते हैं…
1. उत्पन्ना एकादशी के दिन किसी विष्णु मंदिर में पीले पुष्प की माला अर्पित करें, साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों वाली केसरयुक्त खीर का भोग लगाएं।
2. एकादशी की सुबह पीपल के पेड़ की पूजा करें, पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। सके बाद पीपल की 7 परिक्रमा करें।
3. एकादशी के दिन निर्जला व्रत करना चाहिए। व्रत का संकल्प लें और अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही स्वयं भोजन करें।
4. एकादशी पर सुहागिन स्त्रियों को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। उन्हें फलाहार करवाएं और सुहाग की सामग्री भेंट करें। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
5. एकादशी पर तुलसी पूजा अति लाभकारी है। तुलसी को गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें। संभव को हो तो तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें।
6. उत्पन्ना एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें। बाद में इसी शंख में गाय का दूध लेकर भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक करें। इससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
7. एकादशी पर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और पीले फल, अन्न और पीले वस्त्र चढ़ाएं। बाद में ये सभी चीजें जरूरतमंदों को दान कर दें।
8. उत्पन्ना एकादशी पर मोती शंख की पूजा करें और इसे लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान जैसे तिजोरी आदि में रख दें। इससे घर में बरकत बनी रहेगी।
उत्पन्ना एकादशी के बारे में ये भी पढ़ें