Vasudev Dwadashi आज: इस आसान विधि से करें पूजा, संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है व्रत

हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वासुदेव द्वादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 21 जुलाई, बुधवार को है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 21, 2021 3:29 AM IST / Updated: Jul 21 2021, 11:09 AM IST

उज्जैन. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भक्त ये व्रत करता है उसे जीवन में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।

मां देवकी ने रखा था व्रत
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां देवकी ने भगवान कृष्ण के लिए यह व्रत रखा था। इस दिन कृष्णजी की पूजा करने के लिए एक तांबे के कलश में शुद्ध जल भरकर उसे वस्त्र से चारों तरफ से लपेट दें। इसके बाद कृष्णजी की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा करें। जरूरतमंदों को जरूरी चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करने से संकट कट जाते हैं। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।

इस विधि से करें पूजा और व्रत
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। गंगाजल से युक्त पानी से स्नान करें।
- इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत से करें।
- अंत में आरती-अर्चना कर भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी अन्न, जल और धन की कामना करें। दिनभर उपवास रखें।
- शाम में आरती-अर्चना करें फिर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर सबसे पहले जरूरतमंदों को दान दें। इसके बाद भोजन ग्रहण करें।
- धर्म ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्त पाप कट जाते हैं।
 

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