Kabir Jayanti 2022: एक बार जरूर पढ़ने चाहिए संत कबीर के ये 10 दोहे, इनमें छिपे हैं सफलता के गहरे रहस्य

हमारे देश में अनेक समाज सुधारक और आडंबरों का विरोध करने वाले महापुरुष हुए। संत कबीर भी उनमें से एक थे। हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर संत कबीर की जयंती (Kabir Jayanti 2022) पूरे देश में मनाई जाती है। इर बार ये तिथि 14 जून, मंगलवार को है।

Manish Meharele | Published : Jun 13, 2022 7:59 AM IST

उज्जैन. कबीर के आदर्शों को मानने वालों का कबीरपंथ संप्रदाय भी प्रचलित है। संत कबीर के बारे में कहा जाता है वे आडम्बरों के सख्त विरोधी थे। उन्होंने समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए साहित्य का सहारा लिया और दोहों के माध्मय से लोगों के सामने जीवन की सच्चाई बताने की कोशिश की। उनके लिखे दोहे (Sant Kabir Ke Dohe) हमें नई प्रेरणा देते हैं। कबीर जयंती के मौके पर हम आपको उनके कुछ दोहे और उनमें छिपे लाइफ मैनेजमेंट सूत्र के बारे में बता रहे हैं जो इस प्रकार है…  

दोहा- 1
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

लाइफ मैनेजमेंट
संत कबीर कहते हैं कि जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला। पर जब मैंने अपने मन में झांककर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है। यानी हमें लोगों को परखने के बजाए खुद का आंकलन करना चाहिए।


दोहा- 2
साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

लाइफ मैनेजमेंट
सज्जन व्यक्ति को अनाज साफ करने वाला सूप जैसा होना चाहिए, जो सार्थक तत्व को बचा लेता है और निरर्थक यानी भूसे के उड़ा देता है। यानी ज्ञानी वही है जो बात के महत्व को समझे और इधर-उधर की बातों में उलझने के बजाए सिर्फ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दे।


दोहा- 3
तिनका कबहुं ना निन्दिये, जो पांवन तर होय,
कबहुं उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।

लाइफ मैनेजमेंट
एक छोटे से तिनके को भी कभी बेकार ना कहो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दबा होता है, क्योंकि यदि कभी वह उड़कर आंख में आ गिरे तो गहरी पीड़ा देता है। यानी छोटे-बड़े के फेर में नहीं पड़ना चाहिए, छोटा सा तिनका भी बड़ा कष्ट दे सकता है। 


दोहा- 4
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर
पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। 

लाइफ मैनेजमेंट
खजूर के पेड़ के समान बड़ा होने का क्या फायदा, जो ना ठीक से किसी को छाँव दे पाता है। और न ही उसके फल कोई आसानी से खा पाता है। व्यक्ति को दूसरों की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए, जिससे समाज को उसका फायदा मिले। 


दोहा- 5
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय।

लाइफ मैनेजमेंट
गुरु और गोविंद यानी भगवान दोनों एक साथ खड़े हैं। पहले किसके चरण-स्पर्श करें। कबीरदास जी कहते हैं, पहले गुरु को प्रणाम करूंगा, क्योंकि उन्होंने ही गोविंद तक पहुंचने का मार्ग बताया है। गुरु ही शिष्य को जीवन का सही अर्थ बताता है और क्या करना चाहिए, क्या नहीं, इस बारें में मार्गदर्शन देता है।


दोहा-6
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान 

लाइफ मैनेजमेंट
सज्जन की जाति न पूछ कर उसके ज्ञान को समझना चाहिए क्योंकि तलवार की कीमत होती है मयान की नहीं। कबीर कहते हैं व्यक्ति के गुणों को देखकर उसका सम्मान करना चाहिए। जात-पात, ऊंच-नीच तो सिर्फ दिखावा है।


दोहा- 7
चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह, 
जिसको कुछ नहीं चाहिए वो शहनशाह 

लाइफ मैनेजमेंट
व्यक्ति अपने जीवन में कितना भी धन कमा ले, लेकिन इसके बाद भी वो सुखी और संतुष्ट नहीं रहता। जो व्यक्ति जितने कम में संतोष कर लेता है, वही वास्विकता में राजा होता है।


दोहा -8
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय 
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय 

लाइफ मैनेजमेंट
किसी भी काम का फल तुरंत नहीं मिलता, उसके लिए धैर्य रखना पड़ता है जैसे पेड़ को सौ घड़े पानी से भी सींच दें, तब भी ये फल तो ऋतु आने पर ही देगा।


दोहा -9
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि 
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि 

लाइफ मैनेजमेंट
हमारे द्वारा बोली गई बातें अमूल्य होती हैं इसी से हमारे व्यक्तित्व की पहचान भी होती है। वाणी से ही लोग हमारा सम्मान करते हैं, इसलिए हमेशा सोच-समझकर ही बोलना चाहिए।


दोहा-10
तन को जोगी सब करें, मन को बिरला कोई
सब सिद्धि सहजे पाइए, जे मन जोगी होइ। 

लाइफ मैनेजमेंट
शरीर पर भगवान धारण करने से हर कोई साधु नहीं बन जाता, साधु बनने के लिए मन का विरक्त होना जरूरी है। जो व्यक्ति मन से साधु बन जाता है और सभी सिद्धियां अपने आप ही मिल जाती हैं।

ये भी पढें...

Vat Savitri Purnima Vart 2022: कब किया जाएगा वट सावित्री पूर्णिमा व्रत? जानिए संपूर्ण पूजा विधि, कथा और महत्व

Palmistry: हथेली की ये छोटी-सी रेखा बना सकती है आपको मालामाल, क्या आपके हाथ में भी है ये लकी लाइन? ऐसे पहचानें


Jyeshtha Purnima 2022: 14 जून को करें ये 3 उपाय, मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति और घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि
 

Share this article
click me!