Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर में क्यों किया जाता है बालों का दान? क्या आप जानते हैं ये कथा

Tirupati Balaji Temple: भारत में अनेक प्राचीन मंदिर हैं, इन सभी की अलग-अलग मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इन्हें खास बनाती हैं। ऐसी ही एक मंदिर है भगवान तिरुपति बालाजी का। ये देश का सबसे अमीर मंदिर हैं। यहां बाल दान देने की परंपरा है।
 

उज्जैन. हमारे देश में भगवान विष्णु के अनेक प्राचीन मंदिर हैं। इन मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा अलग-अलग रूपों व नाम से की जाती है। ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है तिरुपति बालाजी का। (Tirupati Balaji Temple) ये मंदिर भगवान वेंकेटेश्वर को समर्पित है, जो विष्णु का ही एक रूप है। ये मंदिर यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। रोर लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। श्री वेंकटेश्वर का यह मंदिर वेंकटाद्रि पर्वत की चोटी पर है, जो श्री स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे स्थित है। इसी कारण यहाँ पर बालाजी को भगवान वेंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…

भारत का सबसे अमीर मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है। मंदिर में बालाजी के दिन में तीन बार दर्शन होते हैं। पहला दर्शन विश्वरूप कहलाता है, जो सुबह के समय होते हैं। दूसरे दर्शन दोपहर को और तीसरे दर्शन रात को होते हैं। इनके अलावा अन्य दर्शन भी हैं, जिनके लिए विभिन्न शुल्क निर्धारित है। पहले तीन दर्शनों के लिए कोई शुल्क नहीं है। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किए जा सकते हैं।

Latest Videos

स्वयं प्रकट हुई थी भगवान तिरुपति की ये प्रतिमा
मान्यता है कि मंदिर में स्थापित काले रंग की दिव्य मूर्ति किसी ने बनाई नहीं बल्कि वह खुद ही जमीन से प्रकट हुई थी। वेंकटाचल पर्वत को भी लोग भगवान का ही स्वरूप मानते है और इसलिए उस पर जूते लेकर नहीं जाया जाता। भगवान तिरुपति के दर्शन करने से पहले कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना चाहिए। फिर वेंकटाचल पर्वत पर जाकर बालाजी के दर्शन करें। वहां से आने के बाद तिरुण्चानूर जाकर पद्मावती के दर्शन करने की परंपरा मानी जाती है।

यहां अपने बाल दान करते हैं भक्त
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां आने वाले दर्शनाथी अपने बाल भगवान बालाजी को दान करते हैं यानी सिर मुंडवाकर अपने बाल यहीं छोड़ जाते हैं। स्त्री हो या पुरूष, बच्चे हों या बूढ़े, अधिकांश लोग इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। ये परंपरा कैसे शुरू हुई, इसके बारे में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा कहते हैं कि जो व्यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बाल दान करता है, वो अपने बालों के रूप में पापों और बुराइयों को भी इसी जगह पर छोड़ जाता है। 

एक कहानी ये भी है
प्रचलित कथा के अनुसार, प्राचीन काल में भगवान बालाजी की मूर्ति पर चीटियों ने बांबी बना ली थी, जिसके कारण वह किसी को दिखाई नहीं देती थी। उस स्थान पर रोज एक गाय आकर दूध से प्रतिमा का अभिषेक कर चली जाती थी। जब गाय मालिक को ये पता चला तो उसने कुल्हाड़ी से गाय का वध कर डाला। इस दौरान बालाजी की प्रतिमा के सिर पर चोट आ गई और उनके बाल गिर गए। तब उनकी मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिए। इसके बाद भगवान ने कहा कि “ यहां आकर जो भी मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उनकी हर इच्छा पूरी की जाएगी।” तभी ये परंपरा चली आ रही है।


ये भी पढ़ें-

Shani Ke Upay: मुसीबतों से बचने और शुभ फल पाने के लिए राशि अनुसार शनिदेव को कौन-सा तेल चढ़ाएं?


Festival Calendar 2023: साल 2023 में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा? यहां जानें पूरी डिटेल

Hindu Tradition: जन्म के बाद क्यों जरूरी है बच्चे का मुंडन संस्कार, सिर पर क्यों लगाई जाती है हल्दी?

Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar