नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद सरकार का दावा, हादसों में होने वाली मौतों में आई 10% की कमी

 नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद पांच महीनों में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में दस प्रतिशत की कमी आयी है। गडकरी ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि सड़क हादसों में लोगों की मौत कम से कम हो इसलिए इस कानून को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 10:49 AM IST

नई दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि संसद द्वारा नया मोटर वाहन कानून पारित किये जाने के बाद पांच महीनों में देश में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी आयी है।

भारत में एक साल में 5 लाख सड़क हादसे होते हैं

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि हमारे देश में साल भर में पांच लाख सड़क हादसे होते हैं जिनमें डेढ़ लाख लोगों की जान जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सड़क हादसों में हताहत लोगों की संख्या को कम करने के मकसद से मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक तैयार किया, जिसे पिछले साल संसद में पारित किया गया।

सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 24% की आई कमी

उन्होंने कहा कि इस कानून के कड़े प्रावधानों के कारण देश के विभिन्न राज्यों में सड़क हादसों की संख्या में कमी आयी है। उन्होंने इस कानून के लागू होने के बाद गुजरात में 14 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 13 प्रतिशत, मणिपुर में चार प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 15 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में सात प्रतिशत और सर्वाधिक तमिलनाडु में 24 प्रतिशत की कमी आयी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान केरल में सड़क हादसों में 4.9 प्रतिशत और असम में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

भारत में 1000 ड्राइविंग स्कूल खोले जाने हैं

उन्होंने कहा कि नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद पांच महीनों में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में दस प्रतिशत की कमी आयी है। गडकरी ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि सड़क हादसों में लोगों की मौत कम से कम हो इसलिए इस कानून को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक दुपहिया वाहन पर चार-चार लोग बैठते है। शराब पीकर वाहन चलाते हैं। सड़क नियमों का पालन नहीं करते। इसके कारण होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की बेवजह जान जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अमीर-गरीब अथवा शिक्षित-अशिक्षित में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता क्योंकि मानव जीवन अमूल्य है। गडकरी ने बताया कि चूंकि सड़क परिवहन समवर्ती सूची में है इसलिए नये कानून में अर्थदंड तय करने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा गया किंतु कानून में इसके लिए सीमा तय की गयी है। उन्होने बताया कि देश में 1000 ड्राइविंग स्कूल खोले जाने हैं जिसमें से 22 ऐसे स्कूल खोल दिये गये हैं।

टोल नाकों पर 73% लेनदेन फास्ट टैग से किया जा रहा है

सड़क परिवहन मंत्री ने टोल बूथों से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इस समय टोल बूथों पर 73 प्रतिशत लेनदेन फास्ट टैग के जरिये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे एक महीने के भीतर बढ़ाकर 98 प्रतिशत किया गया है।

उन्होंने कहा कि यातायात निगरानी तंत्र में अब मशीनों की मदद लिये जाने के कारण अधिक चालान कट रहे हैं और भ्रष्टाचार में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि मुबंई में उनकी निजी कार का चालान काट दिया गया और उनके नाम का चालान भेजा गया। उन्होंने कहा कि इसी तरह कई मुख्यमंत्रियों के वाहनों का भी चालान काटा गया।

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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