Highway Toll New System: 2026 से हाइवे पर टोल प्लाजा पार करना आसान हो जाएगा। सरकार ऐसा सिस्टम डेवलप करने जा रही है, जिससे आपको टोल टैक्स के लिए रूकना नहीं पड़ेगा। इस सिस्टम से गाड़ी नंबर प्लेट और FASTag से ऑटौमैटिक टोल कट जाएगा। 

Automatic Toll Collection From 2026: देशभर के गाड़ी चलाने वालों के लिए बड़ी खबर है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 2026 से सभी कारें टोल प्लाजा को 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर सकेंगी, लेकिन इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों की कड़ी निगरानी भी होगी। इस सुविधा के तहत सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम लागू होगा। इसमें हाई-स्पीड कैमरे नंबर प्लेट और फास्टैग (FASTag) स्टिकर की तस्वीर लेंगे, फिर वाहन से जुड़े बैंक अकाउंट से टोल फास्ट और ऑटोमैटिक कट जाएगा। गडकरी ने संसद में कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि 2026 तक कारें टोल प्लाजा से मिनटों में गुजर जाएंगी। कैमरा नंबर प्लेट और फास्टैग की फोटो लेगा और टैक्स बैंक अकाउंट से कट जाएगा।'

तेज स्पीड और ऑटोमैटिक जुर्माना

यह नया सिस्टम स्पीडिंग कारों को पकड़ने में भी मदद करेगा। अगर कोई कार निर्धारित समय से तेजी से टोल प्लाजा तक पहुंचती है, तो यह स्पष्ट होगा कि वह स्पीडिंग कर रही थी। इसके आधार पर ऑटोमैटिक चालान (फाइन) कट जाएगा। इस तकनीक में सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल होगा। इससे न सिर्फ नियमों का पालन बढ़ेगा बल्कि फ्यूल की बचत भी होगी। अनुमान है कि इससे करीब 1,500 रुपए प्रति वाहन की ईंधन बचत होगी। साथ ही सरकार के लिए 6,000 करोड़ रुपए की एक्स्ट्रा रकम भी जुटेगी।

टोल प्लाजा पर कम भीड़ और कम खर्च

ऑटोमैटिक टोल सिस्टम से टोल प्लाजा पर मानव संसाधन (Human Resources) यानी कर्मचारियों की जरूरत कम हो जाएगी। कैमरे और सेंसर्स RFID और AI एनालिटिक्स के साथ काम करेंगे। इससे संचालन लागत घटेगी और प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक हो जाएगी। गडकरी ने कहा, 'हम नेशनल हाइवे की क्वॉलिटी पर सख्त कदम उठा रहे हैं। अगर किसी ठेकेदार ने खराब काम किया, तो उसे दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। हमारी प्राथमिकता हमेशा राष्ट्रीय राजमार्ग और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।'

सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम से क्या फायदा होगा?

  • टोल पार करने में समय बचेगा।
  • स्पीडिंग पर ऑटोमैटिक फाइन लगेगी।
  • फ्यूल की बचत होगी, जो पर्यावरण के लिए अच्छा होगा।
  • सरकार को अतिरिक्त राजस्व आएगा।
  • टोल ऑपरेट करने की लागत घटेगी।