
Automobile Desk: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में सिर्फ पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक ही नहीं, बल्कि CNG वेरिएंट गाड़ियों की डिमांड भी काफी ज्यादा है। ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां एक से बढ़कर एक धांसू फीचर्स वाली सीएनजी गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं। लेकिन, सीएनजी वेरिएंट गाड़ियों को चलाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। आपकी एक गलती से कार आग का गोला बन सकती है।
कई बार अनजाने में लोग सिलेंडर की जांच सही से नहीं करवाते हैं, तो वह नुकसानदायक बन जाता है। इसी बीच आज हम आपको यह बताएंगे, कि किन कारणों के कारण CNG गाड़ियों में आग लगती है। इससे निपटने के उपाय भी जानेंगे।
समय पर से मेंटेनेंस नहीं होना: गाड़ियों को सिर्फ चलाना ही नहीं, बल्कि उसकी देखरेख सही से करना भी जरूरी होता है। CNG कार यदि आपके पास है तो आप उसकी सर्विसिंग कराएं, लेकिन हरेक 3 वर्ष में हाइड्रो टेस्टिंग भी करवाते रहें। टेस्ट के बाद यह सुनिश्चित हो जाता है कि CNG सिलेंडर आगे अब इस्तेमाल करने लायक रहा या नहीं? कई बार ऑनर यह गलती कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा भारी चुकाना पड़ता है। यदि हाइड्रो टेस्टिंग नहीं हुई और सिलेंडर में कोई दिक्कत आया, तो कार में आग लगने की संभावना भी बढ़ जाती है।
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लीकेज का रखें ध्यान: हमेशा आपको CNG सिलेंडर में लीकेज की जांच भी करवाते रहना चाहिए। अगर सीएनजी किट में किसी प्रकार की प्रॉब्लम आती है और गैस लीक हुई, तो यह नुकसान का कारण बन सकता है। यदि सिलेंडर से गैस लीक हुई, तो स्पार्क की वजह से आग भी लग सकती है और थोड़े ही समय में सबकुछ समाप्त हो सकता है। ऐसे में आप अपनी कार में लगी हुई सिलेंडर को हमेशा चेक करते रहें।
सिलेंडर को सही तरीके से फिट करना: कार में लगने वाले CNG सिलेंडर को सही ढंग से नहीं फिट किए जाने पर हानि हो सकती है। इसलिए सिलेंडर को अनुभवी मैकेनिक से फिट करवाना जरूरी है। यदि ऐसी गलती होती है तो आग लगने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। ऐसे में आपको यह प्रयास करना चाहिए कि कार लेते समय कंपनी द्वारा लगाई गई CNG सिलेंडर सही से फिट हुई है या नहीं? कई कम्पनियां कार लेने के बाद आपके कहने पर CNG सिलेंडर फिट करती हैं।
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