दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने सोमवार को इंद्रप्रस्थ डिपो से शहर की पहली ऑल-इलेक्ट्रिक डीटीसी बस को हरी झंडी दिखाई है। दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में इलेक्ट्रिक बसों को बड़े कदम के रुप में देख रही है।
ऑटो डेस्क, First electric DTC bus in Delhi flagged off : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में DTC बेड़े में पहली इलेक्ट्रिक बस अब सड़कों पर दौड़ने के लिए तैयार है। सिंगल चार्ज में ये इलेक्ट्रिक बस 120 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है, वहीं फुल चार्ज करने में 1.5 घंटे लगते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने सोमवार को इंद्रप्रस्थ डिपो से शहर की पहली ऑल-इलेक्ट्रिक डीटीसी बस को हरी झंडी दिखाई है। दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में इलेक्ट्रिक बसों को बड़े कदम के रुप में देख रही है। वहीं डीटीसी की बसों को अब परंपरागत ईधन की बजाए इलेक्ट्रिक एनर्जी से चलाया जाएगा। ये बसें वर्तमान में सीएनजी इंजन के जरिए संचालित की जा रही थी, अब इन्हें धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक इंजनों के जरिए चलाया जाएगा, जो शून्य कार्बन उत्सर्जन करते हैं।
वायु प्रदूषण के स्तर में आएगी कमी
दिल्ली जहरीले वायु प्रदूषण के स्तर के लिए बदनाम है, इसकी मुख्य वजह यहां वाहनों का कार्बन उत्सर्जन है। वहीं दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने की अपनी योजनाओं को प्रमोट करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। वहीं इलेक्ट्रिक डीटीसी बसें संभावित रूप से इस काम को आगे बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं।
1,015 इलेक्ट्रिक बसों का होगा संचालन
डीटीसी बोर्ड ने 1,015 इलेक्ट्रिक लो-फ्लोर वातानुकूलित बसों की योजना को मंजूरी दी है। बड़ी योजना शहर में 3,500 बैटरी चालित डीटीसी बसें संचालित करने की है। वर्तमान में, डीटीसी बसें सीएनजी पर चलती हैं जो डीजल इंजनों की तुलना में अधिक प्रदूषणकारी नहीं होने के बावजूद बिल्कुल शून्य उत्सर्जन के लिए योग्य नहीं हैं।
देखें इन बसों की खासियत
*DTC ने 300 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी हैं और डिलीवरी शुरू में पिछले साल के नवंबर में शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण होने वाले कारकों के कारण इसमें देरी हुई।
*इलेक्ट्रिक डीटीसी बसों की लंबाई 12 मीटर है और ये लो-फ्लोर वाहन हैं जो प्रवेश और निकास को आसान बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, ये फीचर अलग-अलग विकलांग व्यक्तियों के लिए आसान पहुंच में मदद करने के लिए रैंप की सुविधा प्रदान करते हैं। सीएम केजरीवाल के अनुसार, बस को चार्ज करने में 1.5 घंटे तक का समय लगता है और इसे वापस प्लग इन करने से पहले यह लगभग 120 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है।
*विद्युत होने के कारण, इन बसों में स्पष्ट रूप से शून्य टेलपाइप उत्सर्जन होता है। लेकिन इन बसों में कई सुरक्षा विशेषताएं भी हैं जिनमें जीपीएस, लाइव ट्रैकिंग, सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन शामिल हैं।
*इन बसों में गुलाबी रंग की समर्पित सीटें हैं जो महिला यात्रियों के लिए आरक्षित हैं।