Lexus लग्जरी कार मेकर भारतीय बाजार में सात मॉडल बेचती है, इसने ओईएम को बाजार में नई तकनीकों और प्रोडक्ट पर इंवेस्ट करने में मदद करने के लिए एक लांगटर्म पॉलिसी का रोडमैप विकसित करने के लिए सुझाव दिया है।
ऑटो डेस्क। लेक्सस इंडिया इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए कार्बन आधारित कराधान प्रणाली (carbon-based taxation system) का समर्थन करता है। लेक्सस इंडिया का कहना है कि इसे अपनाने से OEM को फिर से खास टे्कनालॉजी के लिए खुद को मजबूत करने का भरोसा हासिल होगा। कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के अधिकारी ने पीटीआई को बताया कहा कि कार्बन बेस्ड टैक्स सिस्टम विकसित देशों में अपनाई जाने वाली प्रोसेस है, लेक्सस का मानना है कि भारत में भी इस पर विचार किया जाना चाहिए ताकि इलेक्ट्रीफिकेशन और अन्यgreen technologies को बढ़ावा दिया जा सके, जिसका उद्देश्य लंबे समय में वाहनों के उत्सर्जन को कम करना है।
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लांगटर्म पॉलिसी का रोडमैप विकसित करे सरकार
लग्जरी कार मेकर भारतीय बाजार में सात मॉडल बेचती है, इसने ओईएम को बाजार में नई तकनीकों और प्रोडक्ट पर इंवेस्ट करने में मदद करने के लिए एक लांगटर्म पॉलिसी का रोडमैप विकसित करने के लिए सुझाव दिया है। लेक्सस इंडिया के अध्यक्ष नवीन सोनी (Lexus India President Naveen Soni) ने पीटीआई से कहा, "हमने विकसित देशों में देखा है कि वाहन कराधान नीतियों (vehicle taxation policies) को परिभाषित करने के किसी भी अन्य तरीके से कार्बन बेस्ड टैक्स पॉलिसी को प्राथमिकता दी गई है, जो हमें लगता है कि कई तरह की दिक्कतों को एक साथ को हल करता है।"
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नवीन सोनी ने कहा कि जहां सरकार उत्सर्जन को कम करने और देश में ईंधन के इम्पोर्ट को कंट्रोल करने पर विचार कर रही है, वहीं कस्टमर बेहतर तकनीक वाले वाहन ही खरीदने की जुगत लगा रहा है। ऐसे में ईवी को प्रमोट करने के लिए ये बेहतर रास्ता हो सकता है। “वहीं लेक्सस भी बेहतर तकनीक वाले वाहनों की पेशकश करना चाहते हैं।
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लेक्सस ने भारत में 5 साल किए पूरे
लेक्सस ने हाल ही में देश में ऑपरेटिंग के पांच साल पूरे किए हैं और अब वह अपनी sales infrastructure को मजबूत करने और पूरी तरह से इलेक्ट्रिक सहित नए मॉडलों में ड्राइव करने पर विचार कर रही है। भारतीय लग्जरी कार बाजार 2018 में प्रति वर्ष लगभग 40,000 यूनिट्स के साथ टॉप चोटी पर था, जो कोविड -19 जैसी महामारी की वजह से अगले दो वर्षों में लगभग 20,000 यूनिट्स तक पहुंच गया। वहीं इस साल, बाजार के 32,000-35,000 यूनिट के मार्क पर पहुंचने की उम्मीद है।
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