साल के पहले दिन दुनिया की सबसे ऊंची Atal Tunnel ने बनाया रिकॉर्ड, 24 घंटे में इतने वाहनों ने पार की सुरंग

Published : Jan 03, 2022, 08:27 PM ISTUpdated : Jan 03, 2022, 08:34 PM IST
साल के पहले दिन दुनिया की सबसे ऊंची Atal Tunnel ने बनाया रिकॉर्ड, 24 घंटे में इतने वाहनों ने पार की सुरंग

सार

Atal Tunnel 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। 10,040 फीट की ऊंचाई पर बना 9.02 किमी का अंडरपास लाहौल-स्पीति जिले के लाहौल और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली को जोड़ता है। 1 जनवरी को रिकॉर्ड 7,515 वाहनों ने अटल टनल को पार किया है।

बिजनेस एंड ऑटो डेस्क, 7515  vehicles crossed the Atal Tunnel in 24 hours : हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में एक जनवरी को रिकॉर्ड संख्या में वाहनों ने अटल सुरंग को पार किया है। यह जानकारी लाहौल एवं स्पीति के पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा ने दी है। उन्होंने ने कहा कि 2022 के पहले दिन 24 घंटे में कुल 7,515 वाहनों ने सुरंग को पार किया।

3 अक्टूबर, 2020 को पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन अक्टूबर, 2020 को उद्घाटन के बाद एक दिन में रोहतांग में अटल सुरंग पार करने वाले वाहनों की यह सबसे अधिक संख्या है। वर्मा ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक एक जनवरी को इन वाहनों में 60,000 से अधिक लोगों ने सुरंग को पार किया।

10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। 10,040 फीट की ऊंचाई पर बना 9.02 किमी का अंडरपास लाहौल-स्पीति जिले के लाहौल और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली को जोड़ता है। अक्टूबर 2020 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसे जनता के लिए खोल दिए जाने के बाद यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है।

मनाली को लेह से जोड़ती है सुरंग
यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। इसके चालू होने के बाद मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किमी कम हो गई है। यह सुरंग सामरिक तौर पर भी काफी अहम मानी जाती है। टनल को बनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी। इसे 2015 में बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन यह इतना आसान नहीं था। टनल को बनाने के लिए देश के इंजीनियरों और मजदूरों की दस साल की कड़ी मेहनत करनी पड़ी। 

 

afcons company ने किया निर्माण
अटल सुरंग को एफकॉन्स कंपनी ने बनाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 2009 में शापूरजी पोलोनजी समूह की कंपनी एफकॉन्स और ऑस्ट्रिया की कंपनी स्टारबैग को इसके निर्माण का ठेका दिया था। इसे बनाने में 10 साल का वक्त लगा। पूर्वी पीर पंजाल पर बनी यह सुरंग 9.02 किलोमीटर लंबी है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। सुरंग में कार अधिकतम 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है।

क्यों लगा अधिक समय?
इस सुरंग को घोड़े के नाल के आकार की बनाया गया है। यह देश की पहली ऐसी सुरंग होगी जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। सुरंग को बनाने में हुई देरी की मुख्य वजह है सेरी नाला। सेरी नाला 410 मीटर लंबा है। यह हर सेकेंड 125 लीटर से अधिक पानी निकालता है। इस वजह से यहां काम करना बहुत मुश्किल था। इंजीनियरों को 410 मीटर की खुदाई करने में तीन साल से अधिक का समय लगा।


कितने लोगों ने किया काम
सुरंग को बनाने में 1000 कर्मचारी, 150 इंजीनियर लगे रहे। टनल बनाने में 14508 मीट्रिक टन स्टील और 237596 मीट्रिक टन सीमेंट लगा। वहीं, 14 लाख क्यूविक मीटर्स मिट्टी भी खोदी गई।

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