Electric Cars की दीवानगी का आलम, देश में बनी पेट्रोल कारों को छोड़ ये सरकार दे रही विदेशी कारों पर सब्सिडी

Published : Apr 02, 2022, 12:23 PM ISTUpdated : Apr 02, 2022, 12:42 PM IST
Electric Cars की दीवानगी का आलम, देश में बनी पेट्रोल कारों को छोड़ ये सरकार दे रही विदेशी कारों पर सब्सिडी

सार

मार्च 2022 में फ्रांस में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों में से टेस्ला मॉडल 3 (Tesla Model 3) थी,  फ्रांस में Citroen जैसे प्रमुख कार निर्माता भी अपने प्रोडक्ट बेचती हैं। वहीं देश में  बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसे जर्मन ऑटो कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक मॉडल भी पेश करती हैं।

ऑटो डेस्क। फ्रांस ने इतिहास में पहली बार अपने पेट्रोल वाहनों के विकल्प बनकर उभरे इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ कदम बढ़ाए हैं। जनवरी और मार्च के बीच, फ्रांसीसी इंडस्ट्री ने यह माइल स्टोनर हासिल किया है। सरकार पेट्रोल की ऊंची कीमतों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी बढ़ाने पर सब्सिडी के जरिए जोर दे रही है। बीती तिमाही के बिक्री आंकड़ों के मुताबिक, देश में पारंपरिक पेट्रोल मॉडल के 38 प्रतिशत के मुकाबले पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मॉडल की बिक्री में लगभग 40 प्रतिशत नई कारों की बिक्री हुई। इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि भारत में भी फ्रांस की बनी कारें जमकर सेल होती है। हालांकि टाटा नेक्सॉन जैसी देसी ईवी कारों ने बीते साल सेल में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है।

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विदेशी कारों की बढ़ी डिमांड
मार्च 2022 में फ्रांस में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों में से टेस्ला मॉडल 3 (Tesla Model 3) थी, इसके बाद रेनॉल्ट की डेसिया (Dacia Spring from Renault) और स्टेलंटिस की प्यूज़ो 208 (Peugeot 208 from Stellantis) थी। फ्रांस में Citroen जैसे प्रमुख कार निर्माता भी अपने प्रोडक्ट बेचती हैं। वहीं देश में  बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसे जर्मन ऑटो कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक मॉडल भी पेश करती हैं।

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नई कारों की घटी सेल
वहीं फ्रांस में नई कारों की बिक्री में गिरावट के दसवें महीने में अंतिम तिमाही के दौरान मार्च में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसके  पीछे प्रमुख कारणों में से एक semiconductor chips की ग्लोबल शार्टेज सहित सप्लाई के भी मुद्दे हैं, जिससे दुनिया भर में ऑटो उद्योग जूझ रहे हैं। 

प्लेटफॉर्म ऑटोमोबाइल ने पेश की रिपोर्ट
फ्रांस में वाहनों की बिक्री का लेखा-जोखा करने वाले प्लेटफॉर्म ऑटोमोबाइल (Plateforme automobile)  ने कहा है कि इस पूरे वर्ष के लिए देश में नई कारों की सेल का अनुमान लगाना मुश्किल है। पीएफए ​​​​ने इस अनिश्चितता को रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ चिप की कमी के संकट के कारण जिम्मेदार ठहराया।

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तेजी से बढ़ रही ईवी की डिमांड 
 फ्रांस में पेट्रोल वाहनों को पीछे दिया है। फ्रांस में बेची गई डीजल कारों की संख्या पहली तिमाही में बाजार हिस्सेदारी की 16.5 रही है। वहीं  pure combustion engine अभी भी सबसे ज्याद पसंदीदा वाहन हैं। फ्रांस में इलेक्ट्रिक वाहनों में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, जबकि फ्रांस में इलेक्ट्रिक वाहनों ने सिर्फ तीन साल पहले एक एंट्री की है।  सरकारी सब्सिडी, fossil-fuel vehicles पर प्रतिबंध और पेट्रोल की ऊंची कीमतों के बाद कम समय में इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं। 

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