इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये जरूरी वित्तपोषण, कल-पुर्जों पर शुल्क घटाने की जरूरत

वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये प्राथमिक क्षेत्र के तौर पर वित्तपोषण देने तथा चुनिंदा कल-पुर्जों पर शुल्क घटाने की जरूरत है

नई दिल्ली: वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये प्राथमिक क्षेत्र के तौर पर वित्तपोषण देने तथा चुनिंदा कल-पुर्जों पर शुल्क घटाने की जरूरत है। कंपनी ने कहा कि टाटा, हुंदै, एमजी मोटर्स और मारुति सुजुकी जैसी अन्य कंपनियां ई-वाहन श्रेणी में उतर रही हैं, इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ेगी।

कंपनी ने कहा कि सरकार ने ई-वाहन श्रेणी को बढ़ावा देने के लिये अपने हिस्से का काम कर दिया है। अब यह विनिर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम करने की दिशा में काम करें, जिससे इन वाहनों को निजी उपयोग के अनुकूल बनाया जा सके।

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सरकार को जो करना था वह कर चुकी

कंपनी के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा, ''सरकार को जो करना था, वह कर चुकी है। इलेक्ट्रिक वाहनों का सपना हालिस करना अब बहुत दूर नहीं है क्योंकि अन्य कंपनियां भी इस श्रेणी में उतर रही हैं। टाटा ने अपने वाहनों की घोषणा कर दी है, हुंदै ने कोना की पेशकश की है, एमजी ने भी इलेक्ट्रिक वाहन उतारे हैं, मारुति सुजुकी इलेक्ट्रिक वाहनों की बातें कर रही है, इससे हम आने वाले समय में बाजार में अधिक इलेक्ट्रिक वाहन देखेंगे।''

उन्होंने कहा कि जब लोगों के लिये अधिक वाहन उपलब्ध होंगे, निश्चित तौर पर इनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अब यह कंपनियों की जिम्मेदारी है, वे आगे आयें और ई-आवागमन को किफायती बनायें। गोयनका ने कहा, ''मूल उपकरण विनिर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें आठ से दस प्रतिशत कम करने की जरूरत है। हम इसपर काम कर रहे हैं। कम कीमत से इनकी बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी।''

महिंद्रा ई20 इलेक्ट्रिक वाहनों की कर रही बिक्री 

महिंद्रा एंड महिंद्रा अभी ई-वेरिटो और ई20 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री कर रही है। कंपनी की विशिष्टता के बारे में गोयनका ने कहा, ''कंपनी ई-वेरिटो की कीमत मौजूदा 12 लाख रुपये से घटाकर 11 लाख रुपये करना चाहेगी। ऐसा करने के लिये हम स्थानीयकरण पर ध्यान दे रहे हैं। बैटरियों की लागत कम होने से भी हमें मदद मिल रही है। अभी बैटरी के आयात पर पांच प्रतिशत शुल्ग लगता है, यदि इसे कम किया जाता है तो वाहनों के दाम कम-से-कम 20 हजार रुपये कम होंगे।''

वित्तपोषण से क्षेत्र की वृद्धि को गति मिलेगी

गोयनका ने इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों के बारे में कहा कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की पुनर्बिक्री को मिल सकने वाली कीमत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, और इस कारण वे ऋण देने में हिचकते हैं। उन्होंने कहा, ''अभी इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन पर ब्याज की दरें डीजल और सीएनजी वाहनों की तुलना में पांच-छह प्रतिशत अधिक है। यदि ईवी को कम दर पर प्राथमिक वित्तपोषण मिले तो इस क्षेत्र की वृद्धि को गति मिलेगी।''

अगले वर्ष की पहली तिमाही में ई-केयूवी 100 पेश 

कंपनी ने बताया कि उसने इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा चलाने वाली लिथियम अर्बन टेक्नोलॉजीज के साथ दीर्घकालिक करार किया हुआ है। इसके तहत उसके बेड़े में 1,000 महिंद्रा इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हो गये हैं। गोयनका ने कहा, ''हम लिथियम के साथ मिलकर 1,000 महिंद्रा ईवी और 10 करोड़ ईकिलोमीटर की उपलब्धि को हासिल कर प्रसन्न हैं। हमारी साझेदारी का उद्देश्य ईवी को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए प्रेरित करना और उपभोक्ताओं के दैनिक आवागमन में सकारात्मक बदलाव लाना है।''

गोयनका ने इस मौके पर बताया कि कंपनी की योजना अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ई-केयूवी100 पेश करने की है, जिसकी कीमत नौ लाख रुपये से कम रहेगी। कंपनी 2021 में इलेक्ट्रिक एक्सयूवी300 भी उतारेगी, जो व्यक्तिगत इस्तेमाल की श्रेणी में कंपनी का पहला इलेक्ट्रिक वाहन होगा।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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