हैदराबाद के एक टेक्नीशियन डेविड एशकोल ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य से, गाड़ियों के लिए एक माइलेज बूस्टर डेवलप किया है जो पेट्रोल बचाने के साथ ही गाड़ी को 5 तरीके के फायदे देता है।
ऑटो डेस्क : बढ़ती महंगाई और पेट्रोल के बढ़ते दामों ने आम इंसान की कमर तोड़ कर रख दी है। गाड़ी चलाने से पहले इंसान को 10 बार सोचना पड़ता है, कि पेट्रोल के दाम फिर से तो नहीं बढ़ गए। ऐसे में हैदराबाद (Hyderabad) के एक टेक्नीशियन ने एक ऐसी तकनीक निकाली है जिसके जरिए आप अपनी गाड़ी के माइलेज को बढ़ा सकते हैं। दरअसल, डेविड एशकोल (David Eshkol) नाम के इस शख्स ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य से, गाड़ियों के लिए एक माइलेज बूस्टर डेवलप किया है जो पेट्रोल बचाने में मदद करता है। कैसे काम करता है उनका ये इनोवेशन, आइए हम आपको बताते हैं...
क्या है 5M माइलेज बूस्टर
डेविड एशकोल, चीफ टेक्नोलॉजिस्ट और 5M माइलेज बूस्ट के डेवलपर, इनोवेशन की फील्ड में काफी समय से काम कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने 5M माइलेज बूस्ट (5M mileage boost) विकसित किया, जो गाड़ी के माइलेज बढ़ाने के साथ ही 5 तरह के अन्य बेनेफिट्स भी आपको देता है। डेविड एशकोल का कहना है कि 'नाम में '5M' इस माइलेज बूस्टर के पांच फायदे है। यह बूस्टर प्रति लीटर ईंधन में अधिक माइलेज, अधिक पिकअप, ड्राइविंग में अधिक सुगमता, अधिक टॉर्क और थ्रस्ट और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अधिक प्रदूषण नियंत्रण में मदद करता है।'
एशकोल ने कहा, 'यह 5M माइलेज बूस्ट एक इनोवेशन है जो इंजन को खोले बिना ही गाड़ी के इंजन पर लगाया जाता है। 5M माइलेज बूस्ट मशीन इनटेक मैनिफोल्ड के माध्यम से गाड़ी के इंजन से जोड़ी जाती है। अल्ट्रासोनिक तरंगें और गैसीय प्लाज्मा इंजन के सीसी में जाने से पहले कुछ समय के लिए इस मशीन में जाती है, जो इसे बाद में गाड़ी के अन्य भागों में भेजता है।'
13 साल की मेहनत का फल
5M माइलेज बूस्ट के डेवलपर डेविड एशकोल बताते हैं, कि 'यह माइलेज बूस्टर 2014 में विकसित किया गया था और 2008 से वह एक ऐसी मशीन पर काम कर रहे हैं जो न केवल वाहन का माइलेज बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन कम करके पर्यावरण में भी योगदान देगी। एशकोल ने बताया कि अब तक वह दोपहिया, चार पहिया वाहनों, ट्रकों और बसों सहित लगभग 8,000 गाड़ियों के इंजन के माइलेज बढ़ाने में सक्षम है।' उन्होंने कहा कि 'इस मशीन को 100 सीसी से 10,000 सीसी के बीच के किसी भी गाड़ी में उपयोग किया जा सकता है।'
कैसे काम करती है ये तकनीक
गाड़ी के माइलेज बढ़ाने से लेकर अन्य कामों के लिए 5M माइलेज बूस्ट किस तरह काम करती है, इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'सामान्य तौर पर, जब कोई वाहन किसी ईंधन के रूप में 100 यूनिट ऊर्जा लेता है तो केवल 12.6 यूनिट ऊर्जा चलने के लिए पहियों के लिए दी जाती है। जबकि बाकी, जो ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा है, वो घर्षण को दूर करने के लिए बेकार चला जाता है। हमारा इनोवेशन इन घर्षण बिंदुओं पर काम करता है और गाड़ियों को कम ऊर्जा का उपयोग करता है।' एशकोल ने आगे कहा कि 'वह इस तकनीक का उपयोग करने के लिए एक ऑटोमोबाइल इकाई की तलाश कर रहे हैं जो उन्हें अपने वाहनों के लिए कम कार्बन उत्सर्जन के साथ-साथ बढ़े हुए माइलेज की पेशकश करने में मदद करेगी।'
ये भी पढ़ें- भारत में लॉन्च से पहले ही Tesla के ओनर है ये 4 भारतीय, अंबानी से लेकर रितेश देशमुख के गैराज में खड़ी है ये कार