कांग्रेस का भी रुख आरजेडी के हित में नहीं दिख रहा है। चर्चा है कि सम्मानजनक सीटों की मांग पर अड़ी कांग्रेस चुनाव में उन विकल्पों पर भी मंथन कर रही हैं जो आरजेडी से अलग हों।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly elections) से पहले महागठबंधन (Mahagathbandhan) लगभग बिखर चुका है। सहयोगी दलों की संख्या लगातार कम हो रही है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अभी तक सीटों के समझौते की तस्वीर साझा नहीं हुई है। इस वजह से लगातार एक एक कर हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM), आरएलएसपी (RLSP) और सीपीआई एमएल (CPI ML) ने एनडीए (NDA) के खिलाफ जंग के लिए बने मोर्चे से खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस (Congress) का भी रुख आरजेडी के हित में नहीं दिख रहा है। चर्चा है कि सम्मानजनक सीटों की मांग पर अड़ी कांग्रेस चुनाव में उन विकल्पों पर भी मंथन कर रही हैं जो आरजेडी से अलग हों।
आरजेडी (RJD) कांग्रेस को 58 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है। आरजेडी ने 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का आखिरी फैसला कर लिया है। टिकट बंटवारे में देरी की वजह से एनडीए के खिलाफ बना मोर्चा लगभग ध्वस्त होने की कगार पर है। कांग्रेस के अलावा मुकेश साहनी (Mukesh Sahani) की वीआईपी (VIP) और दूसरे वाम दलों के रुख से यही संकेत मिल रहे हैं। इस बीच आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagadanand Singh) ने कहा कि एक दो दिन में चीजों का हल निकल जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है।
150 सीटों पर लड़ना तय
वैसे महागठबंधन बिखरने की स्थिति में लालू यादव (Lalu Yadav) सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर चुके हैं। लेकिन यदि कांग्रेस, वीआईपी और दो वाम दल साथ रहे तो भी कम से कम 150 सीटों पर पार्टी उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी है। इस कड़ी में बुधवार को तेजस्वी (Tejaswi Yadav) की पार्टी प्रेसिडेंट लालू यादव के साथ मीटिंग थी जो आखिरी वक्त में टल गई। लेकिन पार्टी नेता भोला यादव (Bhola Yadav) ने लालू से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में 150 सेंबल लेटर पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। ये पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के अधिकार पत्र हैं जो नामांकन प्रक्रिया में जमा किए जाते हैं।
इस स्थिति में हो सकता है बदलाव
आरजेडी ने कांग्रेस को 58 प्लस 1 समझौते का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत आरजेडी विधानसभा की 58 सीटों के साथ वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट देने को तैयार है। साथ ही यह शर्त भी कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा मान ले। हालांकि कांग्रेस कम से कम 70 सीट मांग रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के हस्तक्षेप के बाद ही इसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है। वैसे कांग्रेस बिहार को लेकर दिल्ली में स्ट्रेटजी बना रही है। पार्टी आरजेडी से अलग होने की स्थिति में भी अपनी स्ट्रेटजी को लेकर मंथन कर रही है। हालांकि कांग्रेस, आरजेडी से रिश्ते तोड़ने के पक्ष में नहीं है।
तेजस्वी के नेतृत्व पर कोई समझौता नहीं
उधर, आरजेडी ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सामने महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में तेजस्वी यादव के नाम पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जगदानंद सिंह ने कहा- एनडीए सरकार से परेशान बिहार की जनता तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बेताब है। इस बार तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से कोई रोक नहीं सकता।