महागठबंधन में एक और फूट: उपेंद्र कुशवाहा को मर्जी से नहीं मिल रही सीट, बोले- अब फैसला लेने का वक्त

मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के चेहरे पर आपत्ति जताने और आरजेडी (RJD) पर मनमानी का आरोप लगाते हुए आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने अलग होने के साफ संकेत दिए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2020 12:13 PM IST

पटना। महागठबंधन (Mahagathbandhan) में चुनाव से पहले एक और टूट निश्चित नजर दिख रही है। मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के चेहरे पर आपत्ति जताने और आरजेडी (RJD) पर मनमानी का आरोप लगाते हुए आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा (RLSP Chief Upendra Kushwaha) ने अलग होने के साफ संकेत दिए हैं। आज पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आपात बैठक में कुशवाहा ने कहा कि अब समय फैसला लेने का आ गया है। कार्यकर्ता बताए कि आगे क्या करना है?

कुशवाहा ने महागठबंधन के रवैये पर तीखी नाराजगी जताई। सीटों के बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं को अब तक का अपडेट देते हुए कहा- "महागठबंधन में पार्टी को सम्मान नहीं मिल रहा। हमें हमारी क्षमता के अनुसार सम्मानजनक सीटें नहीं दी जा रही है। अब वक्त आ गया है कि हम आगे का फैसला करें।" भविष्य की राजनीति को लेकर कुशवाहा ने नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से राय मांगी है। 

कुशवाहा को सीएम बनाने के लगे नारे 
मीटिंग के दौरान कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के नारे भी लगे। आरएलएसपी के रुख से चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन का एक बार फिर बिखरना तय दिख रहा है। आरएलएसपी ने नेता के रूप में तेजस्वी यादव के नाम पर पहले भी आपत्ति जताई थी और जल्द फैसला लेने को कहा था। पार्टी नेताओं ने कहा था कि महागठबंधन की ओर से उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री पद के सर्वाधिक योग्य नेता हैं। यह भी कहा था कि अगर बिखराव होता है तो इसके लिए आरजेडी-कांग्रेस (RJD-Congress) का रवैया जिम्मेदार होगा। 

महागठबंधन के लिए चिंताजनक बात यह है कि एक और सहयोगी दल मुकेश साहनी (Mukesh Sahani) की वीआईपी (VIP) ने भी बगावती तेवर दिखाते हुए उपेंद्र कुशवाहा का पूरी तरह से समर्थन किया है। इससे पहले आरजेडी पर मनमानी का आरोप लगाकर हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) चीफ जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) अलग हो चुके हैं। 

कांग्रेस ने कहा एकजुट है महागठबंधन 
हालांकि पटना में कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सुराजेवाला ने ताजे घटनाक्रम के बीच दावा किया कि महागठबंधन अभी भी पूरी तरह से एकजुट है। जबकि आरजेडी ने साफ कर दिया है कि आरएलएसपी, ज्यादा सीटों के लिए दबाव का सहारा ले रही है, लेकिन वह किसी भी हालत में झुकने को तैयार नहीं। पार्टी ने साफ कहा- मुख्यमंत्री का चेहरा पहले ही तय किया जा चुका है। 

क्या करेंगे कुशवाहा?  
आरएलएसपी बिहार के पांच प्रतिशत कुशवाहा-कोइरी समाज के वोटबैंक पर दावा करता है। तनातनी की खबरों के बीच कुशवाहा के अगले कदम को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। चर्चा यह भी है कि एलजेपी चीफ चिराग पासवान (LJP Chief Chirag Paswan) को अंकुश में रखने के लिए नीतीश (Nitish Kumar), मांझी की तरह कुशवाहा को भी एनडीए में मिला सकते हैं। आरएलएसपी के महासचिव के बयान में भी इसके संकेत मिले हैं। एनडीए (NDA) में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि राजनीति में सारे विकल्प हमेशा खुले रहते हैं। यह भी चर्चा है कि कुशवाहा, एलजेपी और वीआईपी जैसे दलों के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा भी बना सकते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि आरएलएसपी के बगावती तेवर कहां जाकर रुकते हैं। 

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