बाहुबली नेता मनोरमा देवी की हुई हार, इसी साल कोरोना से हुई थी पति की मौत, पहली बार लड़ रही थी विस. चुनाव

बताते हैं कि बेटे रॉकी की गया जिले में सियासी तूती बोलती है। मनोरमा के पास दिल्ली और आसपास के इलाके में मॉल, होटल और कई पेट्रोल पंप हैं। उनके घर से 2016 में शराब पकड़ी गई थी, जबकि बिहार में शराब पर बैन है। बाद में उन्होंने सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद वो जेल भी गई थीं।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 4:58 PM IST / Updated: Nov 10 2020, 10:31 PM IST

पटना (Bihar) । अतरी सीट से बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी राजद से चुनाव लड़ रही थी। इनको हार का सामना करना पड़ा है। इनको लगभग 50 हजार वोट मिले, जबकि इनको हराने वाले राजद प्रत्याशी अजय यादव को लगभग 58 हजार वोट मिले। बता दें, मनोरमा देवी दो बार एमएलसी रह चुकी हैं। अभी स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान पार्षद हैं। जिनका कार्यकाल मई 2021 तक है। बता दें कि मनोरमा देवी बाहुबली नेताओं में होती है, वो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं।

दो बार बनी एमएलसी
बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव साल 2001 में वह गया जिला परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। 2005 में राजद से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़े, लेकिन हार गए। 2010 में राजद ने टिकट तो दे दिया, लेकिन बिंदी की किस्मत ने साथ नहीं दिया। मगर, पत्नी मनोरमा को वह दो बार एमएलसी बनवाने में कामयाब रहे। अभी स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान पार्षद हैं। जिनका कार्यकाल मई 2021 तक है।

मनोरमा के आते ही चमक गई थी बिंदी की किस्मत
मनोरमा यादव से शादी करने के बाद बिंदी यादव की किस्मत चमकने लगी थी। 1990 में बिहार में लालू राज कायम हो गया। बिंदी यादव ने अपनी धाक जमाना शुरू किया और देखते ही देखते बिंदी यादव और मनोरमा देवी आसमान छूने लगें। बिंदी यादव उस जमाने में गया का आतंक बन गया था। जल्दी ही उस इलाके का बड़ा ठेकेदार बन गया। पैसों की बरसात होने लगी।

एक बार गई हैं जेल
बताते हैं कि बेटे रॉकी की गया जिले में सियासी तूती बोलती है। मनोरमा के पास दिल्ली और आसपास के इलाके में मॉल, होटल और कई पेट्रोल पंप हैं। उनके घर से 2016 में शराब पकड़ी गई थी, जबकि बिहार में शराब पर बैन है। बाद में उन्होंने सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद वो जेल भी गई थीं।

मनोरमा के पिता थे ट्रक ड्राइबर
मनोरमा देवी के पिता एक ट्रक ड्राइवर थे, जिनका गया से गुजरने वाली जीटी रोड से हमेशा आना-जाना लगा रहता था। उसी दौरान वो गया के बाराचट्टी के काहूदाग के पास खाना खाने अक्सर एक ढाबे में रुका करते थे। वो उसी ढाबे वाली की बेटी कबूतरी देवी थी, जिससे बाद में उन्होंने शादी कर ली थी। इसके बाद वहीं जमीन खरीद कर बस भी गए। जहां 1970 में मनोरमा यादव का जन्म 1970 में हुआ। 

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