फर्क तो दिखता है: कई स्तरों पर बिहार चुनाव के लिए BJP का कैम्पेन, शेड्यूल से पहले हर सीट की समीक्षा

कोरोना की वजह से इस बार राज्य में डिजिटल कैम्पेन (Digital Campaign) अहम हो गया है ऐसे में डिजिटल रिसोर्स के मामले में सबसे आगे दिख रही बीजेपी सहयोगी दलों का भी सपोर्ट करने की कोशिश में है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2020 7:10 AM IST / Updated: Sep 25 2020, 11:00 AM IST

पटना। बिहार में विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव (Bihar Assembly Polls 2020) के लिए तारीखों की घोषणा से पहले ही बीजेपी (BJP) खास रणनीति से अपने अभियान को आगे बढ़ा रही है। एनडीए में बीजेपी के अलावा और जेडीयू (JDU), एलजेपी (LJP), हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) भी शामिल है। एनडीए (NDA) में बीजेपी को करीब 100 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मगर पार्टी राज्य की सभी सीटों के मद्देनजर अभियान पर फोकस किए हुए है। संभवत: यह एनडीए में शामिल कम रिसोर्स वाले छोटे सहयोगी दलों के लिए बीजेपी की कैम्पेन स्ट्रेटजी है। कोरोना की वजह से इस बार राज्य में डिजिटल कैम्पेन (Digital Campaign) अहम हो गया है ऐसे में डिजिटल रिसोर्स के मामले में सबसे आगे दिख रही बीजेपी सहयोगी दलों का भी सपोर्ट करने की कोशिश में है। 

तारीखों के ऐलान से पहले बीजेपी ने राज्य में कैम्पेन के के लिए निचले स्तर की तैयारियां पूरी कर ली है। हाल में अलग-अलग समितियों के गठन के बाद पार्टी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (JP Nadda) और चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के बिहार दौरे के बाद पार्टी ने अगले स्तर की तैयारियों पर काम करना शुरू कर दिया है। समिति में केंद्र और राज्य के 200 से ज्यादा कद्दावर नेता शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य में पार्टी के सभी वर्तमान पूर्व सांसदों, विधायकों के साथ सभी वर्तमान पूर्व पदाधिकारियों को काम पर लगा दिया गया है। इन सबक़ों क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग समितियों में टास्क सौंपा गया है। केंद्रीय स्तर के नेताओं से लेकर सभी समितियों का ये टास्क तीन स्तर का है। 

तीन स्तर के टास्क में क्या-क्या? 
तीन स्तर के अभियान में बिहार के बीजेपी कोटे की सीटों में हर बूथ तक व्यापक संपर्क अभियान, वाट्सऐप-सोशल मीडिया और पार्टी के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क शामिल है। संपर्क अभियान में बड़े नेताओं को भी ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। फिलहाल नड्डा और फडणवीस ने जिलों का दौरा कर इसे तेज किया है। संपर्क के लिए बीजेपी के भ्रमण कार्यक्रम में आगे और नेता शामिल होंगे। कोरोना के दौर में हो रहे चुनाव में बीजेपी के अभियान का तीसरा स्तर राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों की समीक्षा का काम करना है। जानकारी के मुताबिक यह भी शुरू हो चुका है। समीक्षा के बाद पार्टी सहयोगी दलों के साथ जरूरत के हिसाब से साझा रणनीति पर काम करेगी। बीजेपी की योजना इस बार एनडीए के लिए 220 सीटों को जीतना है। 

बीजेपी का स्मार्ट कम्यूनिटी कैम्पेन 
राज्य में चुनाव के लिए बीजेपी के आइटी सेल पर इस बार काफी जिम्मेदारियां हैं। पार्टी ने डिजिटल कैंपेन पर भी बड़े स्तर पर पहले ही काम शुरू कर दिया था। पार्टी के सोशल प्लेटफॉर्म के अलावा करीब 72 हजार वाट्सग्रुप बनाए गए हैं। अलग-अलग इलाकों में जहां बड़ी आबादी तक स्मार्टफोन और डिजिटल माध्यमों की पहुंच नहीं है वहां स्मार्ट कम्यूनिटी कैम्पेन (Smart comunity campaign) के लिए "मोबाइल एलईडी स्क्रीन" लगाने की योजना है। उम्मीदवारों को भी एलईडी रथ दिए जा रहे हैं। बीजेपी का कला और संकृति प्रकोष्ठ भी सुशांत (Sushant Singh Rajput) जैसे मुद्दे से अभियान शुरू कर चुका है। इसके तहत कोरोना (Digital Election Campaign in Corona era) को ध्यान में रखकर बड़े पैमाने पर फेसमास्क, हेड कैप तौयार किए जा रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर पर भी पार्टी आधिकारिक अकाउंट के अलावा सैकड़ों सोशल ग्रुप और थर्ड पार्टी ग्रुप के जरिए भी कैम्पेन चला रही है। केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार के कामों को लेकर आक्रामक अभियान भी शुरू हो चुके हैं। 

फर्क तो दिखता है अभियान शुरू 
पार्टी ने "फर्क तो दिखता है" हैशटैग से आक्रामक अभियान चलाकर सरकार के कामों का लेखजोखा लोगों तक पहुंचा रही है। इसके तहत बिहार में एनडीए सरकार से पहले खासकर लालू-राबड़ी देवी के राज की स्थितियों के आधार पर महागठबंधन के ऊपर हमला किया जा रहा है। कश्मीर में धारा 370, ट्रिपल तलाक, राम मंदिर निर्माण, सर्जिकल स्ट्राइक, चीनी ऐप्स पर बैन जैसे साहसिक मुद्दों और उसमें एनडीए सरकार की भूमिका को लेकर आक्रामक प्रचार किया जा रहा है। पार्टी साथ ही साथ विपक्ष के स्लोगन की समीक्षा कर उनका आक्रामक और लॉजिकल जवाब दे रही है। बिहार के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साहसिक फैसलों को भी खूब प्रचारित किया जा रहा है। आगे इसे और आक्रामक बनाने की तैयारी है। 

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