रामविलास पासवान की मौत को लेकर पूर्व CM जीतनराम मांझी ने खड़े किए सवाल, चिराग ने कहा- शर्म आनी चाहिए

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पासवान राज्य के बड़े नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ। उनकी मौत की खबर भी देर से दी गई। इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2020 7:52 AM IST / Updated: Nov 02 2020, 03:02 PM IST

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सवाल खड़े किए हैं। उनकी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी है। साथ ही इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। दूसरी ओर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (LJP President Chirag Paswan) ने कहा कि जांच की मांग करने वालों को शर्म आनी चाहिए। 

क्यों नहीं जारी किया बुलेटिन
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पासवान राज्य के बड़े नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ। उनकी मौत की खबर भी देर से दी गई। इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। 

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पत्र में लिखी गई ये बातें
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश के बड़े दलित नेता एवं आपके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे रामविलास पासवान का कुछ दिन पहले देहांत हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।  पत्र में कहा गया कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान उनके अंतिम संस्कार के दूसरे दिन ही एक शूटिंग के दौरान ना केवल हस्ते मुस्कुराते दिखाई दिए, बल्कि शूटिंग भी की। ऐसे में रामविलास जी के प्रशंसकों एवं परिजनों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। किसी केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने रामविलास पासवान का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया। आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने राम विलास पासवान से सिर्फ तीन लोगों को ही मिलने की इजाजत दी थी। पत्र में कहा गया कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए रामविलास पासवान के निधन की न्यायिक जांच कराने की कृपा की जाए, ताकि जनता के बीच सच सामने आ सके।  

पीएम से पूछ ले मांझी जीः चिराग
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मैंने मांझी जी को फोन पर अपने पिता की गंभीर स्थिति के बारे में बताया है, फिर भी वह कभी मेरे बीमार पिता को देखने नहीं आए। उन्होंने कहा, मांझी जी जिस तरह से अब मेरे पिता के बारे में बात कर रहे हैं, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उन्होंने उनके बारे में इतनी चिंता क्यों नहीं दिखाई? हर कोई अब एक मृत व्यक्ति के ऊपर राजनीति खेल रहा है, जब वह जीवित थे तो किसी ने उनसे मिलने जाने की जहमत क्यों नहीं उठाई? मैं आग्रह करना चाहूंगा की अगली सभा में जब आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद लेने जाएं तो पापा के आखिरी दिनों के बारे में जरूर पूछ लें। पापा के आखिरी सांस तक प्रधानमंत्री जी उनके साथ थे। 
 

-(राम विलास पासवान की फाइल फोटो)

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