चिराग पासवान को दी गई समयसीमा खत्म, NDA में रहेंगे या कुशवाहा के साथ बना लेंगे तीसरा मोर्चा?

पहले चरण का मतदान सिर पर है, हालांकि अभी तक राज्य के दोनों बड़े गठबंधन सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा क्लियर नहीं कर पाए हैं। खासकर एनडीए में एलजेपी चीफ चिराग पासवान के बगावती तेवर पर सबकी नजरें हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 6:52 AM IST / Updated: Sep 26 2020, 12:31 PM IST

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। मतदान तीन चरण में होंगे। पहले चरण का मतदान सिर पर है, हालांकि अभी तक राज्य के दोनों बड़े गठबंधन सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा क्लियर नहीं कर पाए हैं। खासकर एनडीए (NDA) में एलजेपी चीफ चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बगावती तेवर पर सबकी नजरें हैं। उधर, महागठबंधन (Mahagathbandhan) में भी आरएलएसपी (RLSP) चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने भी अलग होने के संकेत पहले ही दे दिए हैं। कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने की अटकलें भी हैं। 

इस बीच बीजेपी-जेडीयू (BJP-JDU) के बड़े नेताओं ने मीटिंग के बाद चिराग को शेयरिंग के फॉर्मूले के साथ दी गई 48 घंटे की समयसीमा खत्म हो चुकी है। अब नजरें एनडीए में चिराग की भूमिका, उनके एनडीए से अलग होने और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) जैसे नेताओं के साथ तीसरा मोर्चा बनाने की अटकलों पर हैं। एनडीए से जुड़े सवालों पर जेडीयू चीफ और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बयान सामने आया है। सीएम ने बताया कि अभी तक सीटों के समझौते पर कोई अंतिम बात नहीं हो पाई है। चुनाव में कम समय को देखते हुए इसे जल्दी पूरा कर लिए जाने की उम्मीद जताई। 

चिराग-कुशवाहा को लेकर क्या बोले नीतीश?
एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा के आने के सवाल पर नीतीश ने कहा-  उन्हें अब तक इस बात की कोई जानकारी है। जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) जरूर महागठबंधन से अलग होकर हमारे साथ आए हैं। जब सीएम से पूछा गया कि मांझी के आने के बाद अब एनडीए में एलजेपी (LJP) और चिराग पासवान की कोई जरूरत नहीं है? मुख्यमंत्री ने कहा- "ऐसा बिल्कुल नहीं है।" नीतीश ने चिराग को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोला, मगर इसका एक मतलब साफ है कि चिराग एनडीए नेताओं के संपर्क में ही बने हुए हैं। 

चिराग ने क्या संकेत दिए हैं 
इससे पहले शुक्रवार को तारीखों के ऐलान के बाद चिराग ने कई ट्वीट किए थे। एक ट्वीट में उन्होंने माना कि इस बार का चुनाव बिहार में विकास की नई कहानी लिखेगा। LJP ने यह भी कहा- "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के विकास के सपने को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी।" एलजेपी का यह बयान भी उसके एनडीए में बने रहने का संकेत माना जा सकता है। 

चिराग को क्या मैसेज दिया गया था?
गुरुवार को बीजेपी-जेडीयू नेताओं ने चिराग की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए उन्हें एक फॉर्मूला दिया था। इसके तहत चिराग को विधानसभा की 25 सीटों के साथ विधान परिषद की दो सीटों को देना तय किया था। ये फॉर्मूला कितना सही है यह तो नहीं मालूम, लेकिन यह भी कहा गया कि कुशवाहा के एनडीए में आने पर उन्हें पांच सीटें दी जाएंगी और मांझी को तीन सीटें। सभी सीटों दोनों नेताओं की मनमर्जी के मुताबिक होगी। बाकी 210 सीटें जेडीयू और बीजेपी के पास रहेंगी। चिराग को प्रस्ताव पर 48 घंटे में कोई फैसला लेने के लिए कहा गया था। हालांकि अभी तक एलजेपी की ओर से इस प्रस्ताव या आगे की राजनीति को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। 

चिराग क्या चाहते हैं?
चर्चाओं की मानें तो चिराग इस बार 43 से ज्यादा सीटों की मांग कर रहे थे, हालांकि बाद में पार्टी नेता सूरजभान (Surajbhan) एक फॉर्मूला के साथ आगे आए थे और 36 सीटों पर पार्टी का दावा किया था। लेकिन उनके प्रपोज़ल को खारिज कर दिया गया। नीतीश का विरोध कर रहे एलजेपी चीफ ने बाद में 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए। उनकी योजना जेडीयू कोटे की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बताई जा रही है। 

एक-दो दिन में साफ हो जाएंगी चीजें 
दिल्ली में पार्टी संसदीय दल की बैठक में भी चिराग के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं सामने आई। इसे नीतीश के सामने उनकी दावेदारी के रूप में देखा गया जिस पर जेडीयू और एनडीए के दूसरे नेताओं ने आपत्ति जताई। अटकल यह भी है कि एलजेपी, एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में नीतीश को बदलने के लिए दबाव बना रही है। वैसे उम्मीद है कि एक दो दिन में एनडीए में चिराग एपिसोड को लेकर चीजें साफ हो जाएंगी। 

Share this article
click me!