बिहार में बीजेपी कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने सुशांत की फोटो वाले करीब 30 हजार से ज्यादा मास्क अब तक लोगों के बीच बांटे हैं। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं। आरोप यह कि सुशांत के बहाने बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।
पटना। बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के साथ ही साथ सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस बड़े मुद्दे के तौर पर उभर चुका है। सुशांत केस में एनडीए पर राजनीति करने का आरोप भी लग रहा है। हाल ही में बीजेपी की कला और संस्कृति प्रकोष्ठ का एक पोस्टर दिलचस्पी का विषय बना था। इसमें सुशांत को न्याय देने की बात कहते हुए उनकी फोटो के साथ लिखा था- "न भूले हैं और न भूलने देंगे।" अब पार्टी के इसी प्रकोष्ठ की ओर से बांटे जा रहे फेसमास्क लोगों की चर्चा में आ गए हैं। वैसे तो कोरोना की वजह से इस बार राज्य के सभी राजनीतिक दलों में प्रचार सामाग्री के रूप में फेसमास्क की डिमांड काफी बढ़ गई है।
राज्य में बीजेपी कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने सुशांत की फोटो वाले करीब 30 हजार से ज्यादा मास्क अब तक लोगों के बीच बांटे हैं। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं। आरोप यह कि सुशांत के बहाने बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। वैसे सुशांत केस में सभी पार्टियों की राय लगभग एक जैसी है। कई तो केंद्रीय एजेंसी की जांच का श्रेय लेने की कोशिश भी करते दिखे थे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच की हरी झंडी मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद ट्वीट कर कहा था कि सबसे पहले उन्होंने ही सीबीआई से मामले की जांच की मांग की थी। पूरा बिहार चाहता है कि सुशांत के घरवालों को न्याय मिलना चाहिए। एक दिन पहले पहली वर्चुअल रैली में नीतीश कुमार ने एनडीए की केंद्र और राज्य सरकार को इसका श्रेय दिया। जेडीयू की रैली के अंत में सुशांत को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
(बिहार बीजेपी कला और संस्कृति प्रकोष्ठ के इसी पोस्टर पर विवाद हुआ था।)
बढ़ गई है फेस मास्क की डिमांड
विधानसभा चुनाव कोरोना की मौजूदगी में हो रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह मिल रही है। पार्टियों ने इसी मास्क को अपने कैम्पेन का जरिया बना लिया है। इस बार पार्टियों के चुनाव चिन्ह, नेताओं की फोटो और उनके नारों वाले टीशर्ट, गमछा, फाटा, टोपी के साथ फेसमास्क की भी डिमांड है। आगामी चुनाव की वजह से सभी पार्टियां चुनाव प्रचार सामाग्री के रूप में अपने-अपने फेसमास्क बनवा रही हैं। फेसमास्क में पार्टियां अपना एजेंडा भी छपवा रही हैं।
चिराग का बिहारी फ़र्स्ट भी चर्चा में
सभी दल बड़े पैमाने पर फेसमास्क छपवा रहे हैं। इसमें बिहार की स्थानीयता, लोगों को हिट करने वाले मुद्दों को जगह दी जा रही है। एलजेपी का भी फेसमास्क सामने आया है जिसमें पार्टी नेता चिराग और राम विलास पासवान की तस्वीर के साथ "बिहारी फर्स्ट" का स्लोगन इस्तेमाल किया जा रहा है। "बिहारी फ़र्स्ट" चिराग का नारा है जिसके जरिए वो इस चुनाव में खुद को महादलित समाज के अलावा अन्य समाज के बीच पैठ बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।