रामविलास पासवान ने पिछले दिनों एक ट्वीट में बताया था कि उनकी तबियत पिछले कई दिनों से खराब थी। मगर कोरोना और लॉकडाउन में अचानक हुई चीजों की वजह से वो अपने हेल्थ पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। इसी वजह से रूटीन हेल्थ चेक-अप लगातार टालते रहे।
पटना/दिल्ली। एलजेपी के संस्थापक, केंद्रीय मंत्री और बिहार के दिग्गज नेता राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की तबियत ज्यादा खराब है। उन्हें पिछले दिनों दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रामविलास तीन हफ्ते से आईसीयू में हैं। पिता की खराब तबियत की वजह से एलजेपी (LJP) चीफ चिराग पासवान (Chirag Paswan) बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Polls 2020) के लिए बिहार नहीं आ पा रहे हैं।
इस बीच पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लिखी उनकी चिट्ठी सामने आई है। मार्मिक चिट्ठी में चिराग ने पारिवारिक मजबूरी का इजहार किया है। उन्होंने यह भी बताया पिता के खराब तबियत की वजह से बिहार नहीं आ पा रहे हैं और राज्य में चुनाव के लिए एनडीए (NDA) में सीटों के बंटवारे पर उनकी किसी दल या नेता से कोई बात नहीं हुई है।
(चिराग की चिट्ठी)
काम की वजह से अस्पताल नहीं जा पाए थे पासवान
रामविलास पासवान ने पिछले दिनों एक ट्वीट में बताया था कि उनकी तबियत पिछले कई दिनों से खराब थी। मगर कोरोना और लॉकडाउन में अचानक हुई चीजों की वजह से वो अपने हेल्थ पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। इसी वजह से रूटीन हेल्थ चेक-अप लगातार टालते रहे। बाद में उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। पासवान ने यह भी बताया था केंद्र सरकार ने कोरोना के बाद चीजों को मुस्तैदी से संभाल लिया और बेटे के दबाव के बाद वो अस्पताल में इलाज के लिए आए। चिराग ने भी चिट्ठी में इन्हीं सब बातों का जिक्र किया है।
पिता की इच्छा के बावजूद छोड़ना नहीं चाहते चिराग
चिट्ठी में चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं को बताया कि पिता को अस्पताल में बीमारी से लड़ते देख वो परेशान हो जाते हैं। चिराग को रामविलास बार-बार पटना जाने के लिए कहते हैं। मगर चिराग पिता को इस हालत में छोड़कर बिहार नहीं जाना चाहते। चिराग ने यह भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष के नाते साथियों की भी उन्हें चिंता है। बताते चलें कि बिहार में नवंबर के आखिर तक चुनाव करा लिया जाएगा। एलजेपी, एनडीए में शामिल अहम घटक दल है।