इससे पहले मार्मिक चिट्ठी में चिराग पासवान ने अपनी मजबूरी की जानकारी दी थी। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन वो अब भी पिता के स्वास्थ्य की वजह से दिल्ली में ही हैं।
पटना/दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और LJP के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की हालत नाजुक है। पिछले कुछ दिनों से खराब तबियत के बाद अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इस बीच बेटे और एलजेपी चीफ चिराग पासवान की चिट्ठी के बाद पता चला कि रामविलास की तबियत ज्यादा खराब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने फोन कर केंद्रीय मंत्री की तबियत का हाल जाना। मोदी लगातार चिराग से केंद्रीय मंत्री की तबियत का हाल ले रहे हैं। एलजेपी चीफ ने एक ट्वीट में इस बात की जानकारी दी है।
दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के आईसीयू में रामविलास का इलाज चल रहा है। चिराग पिता की खराब तबियत की वजह से दिल्ली में ही हैं। उधर, बिहार में विधानसभा (Bihar Polls 2020) चुनाव की सरगर्मी है। चिराग (Chirag Paswan) ने पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने अपनी मजबूरी रखते हुए कहा कि पिता के बार-बार बिहार भेजने की सलाह के बावजूद वो उन्हें इस हालत में छोड़कर पटना नहीं आ पा रहे हैं।
चिराग ने ट्वीट में क्या बताया?
एलजेपी चीफ चिराग पासवान ने ट्वीट में बताया, "आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी का दिल से धन्यवाद। कल और आज में कई बार प्रधानमंत्री जी ने पापा का हाल जानने के लिए फोन पर बात की। पापा के इलाज में लगे डॉक्टरों से भी माननीय प्रधानमंत्री जी ने बात की। इस घड़ी में माननीय प्रधानमंत्री जी का साथ में खड़े रहने के लिए सहृदय धन्यवाद।"
चिट्ठी में पार्टी नेताओं के लिए चिराग ने क्या लिखा?
इससे पहले मार्मिक चिट्ठी में चिराग पासवान ने अपनी मजबूरी की जानकारी दी थी। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन वो अब भी पिता के स्वास्थ्य की वजह से दिल्ली में ही हैं। पिता के अस्पताल में रहने के दौरान ही उन्होंने दिल्ली में संसदीय दल की बैठक और दूसरी मीटिंग की। चिट्ठी में उन्होंने पार्टी नेताओं को बताया कि कोरोना के बाद लॉकडाउन में मंत्रालय का काम ठीक से चलता रहे और लोगों को राशन की दिक्कत न हो इस वजह से रामविलास पासवान रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल नहीं जा पाए थे।
बीमार पिता को देखकर परेशान हैं चिराग
बाद में जब चीजें ठीक हुईं और कामकाज पटरी पर आ गया तब अस्पताल पहुंचे। चिराग ने यह भी बताया कि बिहार चुनाव की वजह से पिता की इच्छा के बावजूद वो उन्हें अस्पताल में छोड़कर बिहार नहीं आना चाहते। पिता को अस्पताल में बीमारी से लड़ते देख वो परेशान हैं। बताते चलें कि इस साल नवंबर तक बिहार में चुनाव होने हैं और LJP राज्य में NDA का अहम साथी है।