राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा की घटना को बिहार की अस्मिता से जोड़ दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद परिजनों ने उनके शव को आरजेडी ऑफिस ले जाने से मना कर दिया था।
पटना। राज्यसभा (RajayaSabha) में किसानों से जुड़े बिल पास कराने के दौरान उपसभापति हरिवंश सिंह (Harivansh Singh) के आसान के आगे विपक्ष के रवैये पर गर्म हुई राजनीति की आंच बिहार तक पहुंच गई है। आरजेडी चीफ लालू यादव ने एक ओर ट्वीट में किसानों को लेकर गंभीर आरोप लगाए वहीं, राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा की घटना को बिहार की अस्मिता (Bihar's identity Hurt in Rajya Sabha) से जोड़ दिया। सुशील मोदी (Sushil Modi) ने यह भी आरोप लगाया कि रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) के निधन के बाद परिजनों ने उनके शव को आरजेडी ऑफिस ले जाने से मना कर दिया था।
सुशील मोदी ने कहा, "रघुवंश बाबू जिस पार्टी में जिंदगीभर रहे, उस पार्टी में उनको अंतिम दिनों में पत्र लिखने के लिए बाध्य होना पड़ा। रघुवंश बाबू के घर के लोग इतने दुखी थे कि उनके शव को आरजेडी (RJD) ऑफिस ले जाने से मना कर दिया।" एनडीए नेता रघुवंश की मौत के बहाने लगातार लालू परिवार पर हमला कर रहे हैं। रघुवंश की चिट्ठी सामने आने के बाद हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (Hindustani Awami Morcha) ने तो रघुवंश की मौत के लिए लालू परिवार को जिम्मेदार तक ठहराते हुए लालू के बेटों के संस्कार पर ही सवाल उठा दिए थे।
लालू यादव ने क्या आरोप लगाए?
उधर, कृषि सुधार बिल की चर्चा के बीच लालू (Lalu Yadav) ने केंद्र-राज्य की एनडीए (NDA) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। लालू के हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया, "किसान और गरीब विरोधी नीतीश-भाजपा (Nitish kumar and BJP) ने बिहार में 2006 में APMC बंद कर दिया था। उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि तब से बिहार सरकार के कुल खाद्यान्न लक्ष्य का 1% भी कभी MSP पर नहीं खरीदा गया। इससे ग़रीबी बढ़ी और यह पलायन का मुख्य कारण बना। आज हर दूसरा परिवार पलायन करता है।" बताते चलें कि लालू भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं। उनकी टीम उनके हैंडल को ऑपरेट करती है।
बिहार की अस्मिता को पहुंचाई गई चोट
सुशील मोदी ने राज्यसभा के घटनाक्रम को लेकर भी विपक्ष पर तीखा हमला बोला। मोदी के साथ कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं के सामने उन्होंने कहा, "कल राज्यसभा में जो अमर्यादित व्यवहार हरिवंश जी के साथ हुआ, उसने पूरे बिहार की अस्मिता को ठेस पहुंचाई है। विपक्ष ने कल लोकतंत्र के मंदिर में जो किया है, वह अत्यंत निंदनीय है।"
उन्होंने कहा, "हरिवंश जी बिहार के नहीं हैं। पूरे देश के बड़े पत्रकार हैं। हरिवंश जी लंबे समय से बिहार के साथ जुड़े रहे हैं। उनके साथ अमार्यादित व्यवहार से हर बिहारी अपमानित महसूस कर रहा है। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने जो कुछ भी किया वह निंदनीय है।"
राज्यसभा में क्या हुआ था?
दरअसल, नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार ने कृषि सुधार से संबंधित दो बिल राज्यसभा में रखे थे। विपक्ष इनका विरोध कर रहा था। हालांकि बिल ध्वनिमत से पारित हो गया, मगर विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। उपसभापति हरिवंश सिंह के सामने रूलबुक कोफाड़ा गया और माइक तोड़ने का भी प्रयास हुआ। राज्यसभा के आठ दोषी सांसदों पर कार्रवाई की गई है। वरिष्ठ संपादक रहे हरिवंश जेडीयू नेता हैं। हाल ही में उन्हें दूसरे टर्म के लिए चुना गया है। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और एनडीए, विपक्ष पर हमले के लिए कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता।