
पटना । देश में हो रहे जनसंख्या विस्फोट और इसके खतरों से लोगों को आगाह करने के लिए 65 साल का एक वृद्धि अपनी साइकिल से निकल पड़ा है। बुजुर्ग देश भर में घूम-घूम कर लोगों को परिवार नियोजन का संदेश दे रहे हैं और हम दो हमारे दो का नारा भी बुलंद कर रहे है। बुजुर्ग का नाम दशरथ प्रसाद केसरी है। जो पटना जिला के निवासी है।
24 वर्षों से लोगों को दे रहे संदेश
पटना शहर के गुलजारबाग निवासी दशरथ प्रसाद केसरी 1995 से इस अभियान में लगे हुए है। दशरथ केसरी पर समाज में परिवर्तन लाने की ऐसी धुन सवार हुई कि उन्होंने अपनी साइकिल से पटना से दिल्ली तक की यात्रा कर ली और बीच में जो भी मिला उसे बस ‘हम दो हमारे दो’ कहते हुए आगे बढ़ गए। अपने इस अभियान के लिए दशरथ अबतक हजारों किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं। उन्होंने बताया कि छोटा परिवार ही सुखी परिवार है। ये बात मैंने अपने जीवन से सीखी है। जिसे जन-जन तक पहुंचा रहा हूं।
छह बच्चों के पिता को व्यापार ठप होने पर हुआ एहसास
गुलजारबाग के नीम की भट्ठी में रहने वाले दशरथ प्रसाद केसरी को बड़े परिवार के दुष्परिणाम का अहसास तब हुआ जब उनका व्यापार एक दिन अचानक ठप हो गया। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पिता को छह बच्चों के भरण-पोषण में अत्यधिक कठिनाई पेश आ रही थी। उसी दिन उन्होंने और लोगों को बड़े परिवार के दुष्प्रभाव से अवगत करने की ठान ली और साइकिल लेकर निकल गए। इस दौरान कुछ लोगों ने उन्हें पागल तो कुछ ने अपशब्द तक कह डाला। वहीं कुछ ऐसे भी मिले जिन्होंने उनकी बात सुनी और समझी भी।
सरकार ने भी की सराहना, दिया सम्मान
दशरथ प्रसाद केसरी की मुहिम की सरकार ने भी सराहना की और उन्हें सम्मानित किया। दशरथ को वर्ष 2010 में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने 20 हजार रुपए का किसान विकास पत्र देकर प्रोत्साहित किया था।
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