मां बेटी होना पाप है तो किसलिए 9 माह कोख में जिंदा रखा, फिर मुझे दुनिया में ही क्यों लाई

दत्तक ग्रहण संस्थान के सदस्य मोहन कुमार ने बताया कि कोई भी समय बच्ची को गोद ले सकता है। इसके लिए उन्हें सरकारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिला बाल संरक्षण इकाई के सदस्य संजीव कुमार ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को भी दे दी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2020 3:56 AM IST / Updated: Aug 26 2020, 10:16 AM IST

शिवहर (Bihar)। मां एक ऐसा शब्द है, जिसके लिए हर शब्द कम पड़ जाता है। लेकिन, वहीं, मां जब अपने कोख से निकलने वाले नवजात को सीने से लगाकर आंचल में छिपाने की बजाए, उसे शौचालय में फेंक दें तो उसे क्या कहेंगे। शायद इसके लिए भी लोगों के पास कहने को शब्द कम पड़ जाएग। मगर, एक कलयुगी मां ने कुछ ऐसा ही किया, जिसे देखने के बाद हर कोई यही कहता दिखा उसने मां शब्द को कलंकित कर दिया।

यह है पूरा मामला
एक मां अपनी बच्ची को जन्म देने के बाद शिवहर के सदर अस्पताल के शौचालय में फेंक कर फरार हो गई। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर अस्पताल के कर्मी ने शौचालय के कमोड से नवजात को उठाया और डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने नवजात का इलाज करने के बाद उसे दत्तक ग्रहण संस्थान को सुपुर्द कर दिया है। 

कोई भी ले सकता है गोद
दत्तक ग्रहण संस्थान के सदस्य मोहन कुमार ने बताया कि कोई भी समय बच्ची को गोद ले सकता है। इसके लिए उन्हें सरकारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिला बाल संरक्षण इकाई के सदस्य संजीव कुमार ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को भी दे दी है।

काला कर दिया मां का आंचल!
शिवहर के सदर अस्पताल में एक मां ने अपनी खून सनी जीवित नवजात बच्ची को अस्पताल के शौचालय में फेंक दिया। बच्ची बिलखती रही पर मां की ममता नहीं पिघली।... एक मां इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है? आपकी जो भी मजबूरी रही हो लेकिन अपने मां शब्द को कलंकित कर दिया।

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