कोरोना के कारण इन दिनों पूरे देश में सरकार और प्रशासन अलर्ट पर है। इस महामारी को लेकर लोगों में काफी दशहत है। इस बीच बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर जीपीएस, सोलर प्लेट और अन्य उपकरण लगा एक गिद्ध मिला है। इससे लोगों में दशहत हैं। वन विभाग के साथ-साथ पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पश्चिमी चंपारण। नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में यूपी की सीमा से लगे गांवों में बीते दिनों उपकरण लगा एक गिद्ध देखा जा रहा था। इससे स्थानीय लोगों में दहशत था। तरह-तरह की चर्चा चल रही थी। इसी बीच शुक्रवार को बिहार की सीमा से लगे यूपी के कुशीनगर जिले के बरवा पट्टी थाना क्षेत्र के बकुलहा गांव के सरेह में उक्त गिद्ध को पकड़ लिया गया। ग्रामीणों ने इस गिद्ध को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। गिद्ध के शरीर पर जीपीएस, सोलर प्लेट के साथ अन्य उपकरण लगे थे। इस गिद्ध के पकड़े जाने से लोगों ने राहत की सांस तो ली, लेकिन यूपी के साथ-साथ सीमाई बिहारी क्षेत्र में लोगों के बीच अनहोनी की आशंका को लेकर चिंता दिखी।
मामले की जांच की जा रही हैः रेंजर
ग्रामीणों से मिले गिद्ध को थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने वन विभाग को सुपुर्द कर दिया। तमकुही रेंज के रेंजर नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी के अनुसार गिद्ध पर किसी शोध संस्था ने कोडिंग और लोकेशन ट्रेस करने के लिए चिप लगा रखी है। उन्होंने कहा कि प्रायः विलुप्त हो रहे पशु-पक्षियों के लिए उसके अस्तित्व को जानने के उद्देश्य से टैगिंग की जाती है। लेकिन, अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। मामले की जांच की जा रही है। इस बीच लोगों में इस बात की चर्चा है कि संभवत यह देश विरोधी संगठनों की कारगुजारी न हो।
नेपाल की सीमा से लगा है पश्चिमी चंपारण
बता दें कि गिद्ध के दोनों पंखों पर जीपीएस लगा है। इसके साथ ही पक्षी के डौने पर सोलर प्लेट भी लगा है। जहां से इस गिद्ध को ग्रामीणों ने पकड़ा वो बिहार से मात्र एक किलोमीटर की दूरी है। इससे पहले भी बिहार के चंपारण जिले में जीपीएस लगा एक पक्षी मिला था। उल्लेखनीय हो कि पश्चिमी चंपारण नेपाल की सीमा से लगा है। नेपाल के रास्ते बिहार समेत भारत में राष्ट्रविरोधी काम को अंजाम देने की कोशिश पहले से की जा रही है। ऐसे में सीमा पर तैनात जवान के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण भी अलर्ट पर है।