तेजस्वी यादव से मिले आदित्य ठाकरे: क्या हैं मीटिंग के मायने, क्यों मुंबई से बिहार पहुंचे बालासाहेब के पोते

शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे एक दिवसीय दोरे के लिए बिहार पहुंचे हुए हैं। यहां उन्होंने सबसे पहले नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब वक्त है कि देश के सभी युवाओं को एक साथ आना चाहिए।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 23, 2022 11:50 AM IST / Updated: Nov 23 2022, 05:55 PM IST

पटना (बिहार). पूर्व सीएम उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बेटे और  महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे युवा नेता आदित्य ठाकरे इस वक्त बिहार के दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस दौरान तेजस्वी ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

दोनों युवा नेताओं ने एक-दूसरे को दिए तोहफे
दरअसल, पटना पहुंचते ही आदित्य ठाकरे ने बुधवार दोपहर सबसे पहले तेजस्वी यादव से मिलने के लिए सीधे उनके घर पहुंचे। इस दौरान आदित्य ने तेजस्वी को मराठी शॉल दिया। साथ ही शिवाजी महाराज की एक मूर्ति भेंट की। वहीं स्वागत में तेजस्वी ने मिथिला पेंटिंग की चादर आदित्य ठाकरे को भेंट किया और लालू यादव पर लिखी दो पुस्तकें भी दीं। इसके बाद दोनों नेताओं की बाचतीच हुई। हालांकि अभी मीडिया के सामने नहीं आया है कि दोनों की यह बातचीत किन मद्दों पर हुई है।

मुलाकात की वजह पूछने पर आदित्य ने बताई ये वजह
वहीं तेजस्वी यादव से मिलने के बाद यादित्य ठाकरे ने मीडिया के सामने कहा कि देश के सभी युवाओं को एक साथ एक मंच पर आना चाहिए। क्योंकि आज देश में हमारे युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, वह बेरोजगार हैं। ऐसे हमें हमारे पास बेरोजगारी  का मुद्दा है, जिसके मिलकर हमें साथ उठाना चाहिए। जब पत्रकारों ने इस मुलाकात की वजह पूछी तो आदित्य ने कहा कि हर मुलाकात राजनीतिक नहीं होती है, यह दो युवाओं की मुलाकात है, मैंने तेजस्वी को मुंबई आने का न्यौता दिया है।

एक कार में बैठकर सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे
एक-दूसरे से मिलने के बाद आदित्य ठाकरे यहां से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  से मिलन के लिए निकले। उनके साथ तेजस्वी यादव थे, खास बात है कि दोनों नेता एक ही कार में बैठे। सीएम हाउस पहुंचने के बाद आदित्य ने नीतीश कुमार से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, आदित्य का सीएम नीतीश से मिलने का कोई शेड्यूल नहीं था, लेकिन वह अचानक उनसे मिलने पहुंचे। 

कहीं ये तो नहीं आदित्य और तेजस्वी की मुलाकात के सियासी मायने
राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि अचानक से आदित्य ठाकरे का मुंबई से बिहार आकर तेजस्वी से मिलना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता है। जरूर इसके पीछे कोई सियासी वजह होगी। कई जानकारों का कहना है कि आने वाले कुछ महीनों में मुंबई में महानगरपालिका बीएमसी के चुनाव होने हैं। एकनाथ शिंदे और बीजेपी के एक हो जाने के चलते उद्धव ठाकरे का का गुट काफी कमजोर हो चला है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसका खामियाजा कहीं बीएमसी चुनाव में ना भगुतना पड़े। इसलिए आदित्य ठाकरे कई नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। क्योंकि पिछले तीन दशकों से बीएमसी में शिवसेना की सत्ता रही है। कहीं ऐसा ना हो कि बीजेपी और शिंदे गुट मिलकर ठाकरे गुट को महानगरपालिका की सत्ता से उखाड़ फेकें। इसके साथ ही मुंबई में बिहारियों की संख्या भी लाखों में है, इनके वोट भी निर्णायक साबित हो सकेत हैं। इसलिए आदित्य ने तेजस्वी को मुंबई आने का निमंत्रण दिया है। ताकि बिहारी मतदाताओं में अपनी पैठ बना सकें।
 

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