
जमुई। डॉक्टर सहित मेडिकल फिल्ड के अन्य कर्मियों को धरती पर भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। लेकिन इस उपलब्धि के साथ-साथ इस पेशे की अपनी चुनौतियां भी है। ऐसे में अपेक्षा की जाती है कि इस पेशे जुड़े लोगों में सेवा का भाव होना चाहिए। लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आए है जिसमें डॉक्टर सहित मेडिकल सर्विस के अन्य लोग मामूली बात पर मरीज के साथ अमानवीयता का परिचय देते है। ताजा मामला बिहार के जमुई जिले का है। जहां एक एएनएम ने प्रसव पीड़ा में कराह रही गर्भवती महिला की लेबर रूम में पिटाई कर दी। साथ ही बच्चे के जन्म लेने की प्रक्रिया को आधे में छोड़कर लेबर रूम छोड़ कर चली गई।
खैरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला
मिली जानकारी के अनुसार ये अमानवीय घटना जमुई के खैरा प्रंखड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। नक्सल प्रभावित टिटहियां गांव निवासी अरुण राय की पत्नी मुनिया देवी को प्रसव पीड़ा के बाद उसे प्रसव हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा में भर्ती कराया गया। शुक्रवार की सुबह 7:30 बजे के करीब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एएनएम प्रेमलता कुमारी के द्वारा उसका प्रसव कराया जा रहा था। प्रसूता मुनिया ने बताया कि प्रसव के दौरान वह एएनएम पेट को उल्टे सीधे तरीके से दबा रही थी, जिस कारण मेरा बच्चा अटक गया था।
सिविल सजर्न ने जांच के दिए आदेश
बच्चा अटक जाने के कारण उसे अत्यधिक दर्द होने लगी। इस दौरान एएनएम की साड़ी उसके हाथ में आ गई, जिससे उसकी साड़ी खिंच गई। जिसके बाद उसने मेरे ऊपर थप्पड़ की बौछार कर दी। उक्त एएनएम ने उसका प्रसव कराने से इंकार कर दिया और आधे लटके बच्चे को छोड़कर वह वहां से चली गई। बाद में अस्पताल में मौजूद एक अन्य एएनएम ने मानवीयता का परिचय देते हुए उसकी डिलीवरी कराई। प्रसूता के पति ने बताया कि बाद में उक्त एएनएम के द्वारा पैसों की भी मांग की गई। बाद में महिला के परिजनों ने मामले की शिकायत अस्पताल प्रभारी, सिविल सर्जन तथा अन्य पदाधिकारियों से की। सीएस विजयेंद्र सत्यार्थी ने कहा जांच का आदेश दिया गया है। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
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