ड्यूटी निभा रहे चौकीदार से उठक-बैठक कराने वाले अफसर पर कार्रवाई की बजाय उसे प्रमोट कर बिहार सरकार ने तोहफा दिया है।
अररिया। कोरोना संक्रमण पर लगाम के लिए जारी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के बीच बीते दिनों अररिया का एक वीडिया सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। अररिया कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार अपने पद का रौब दिखाते हुए एक चौकीदार से उठक-बैठक और पांव पकड़ कर माफी मंगवाते दिखे। वीडियो के वायरल होने पर बिहार की अफसरशाही की खूब किरकिरी हुई थी। आनन-फानन में कृषि मंत्री ने उक्त अधिकारी पर हाई लेवल इंक्वायरी का जांच दिया था। कहा गया था कि 24 घंटे के अंदर जांच कर दोषी अधिकारी को दंडित किया जाएगा। लेकिन इस घटना के दोषी अधिकारी को अब बिहार सरकार ने प्रमोशन दे दिया है।
पटना में उपनिदेशक के पद पर हुआ तबादला
अररिया कृषि पदाधिकारी के स्थानातंरण के सरकारी आदेश की प्रति काफी तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें लिखा गया है कि मनोज कुमार का ट्रांसफर उपनिदेशक (प्रशिक्षण कार्यालय) अपर कृषि निदेशक प्रसार पटना में किया गया है। किसी जिले के कृषि पदाधिकारी के मुकाबले मुख्यालय में उपनिदेशक का पद मिलना प्रमोशन है। वहीं किशनगंज के कृषि पदाधिकारी को अरिया कृषि पदाधिकारी का प्रभार सौंप दिया गया है। यह आदेश कृषि विभाग के अपर सचिव के आदेश पर जारी किया गया है।
एएसआई को किया गया था सस्पेंड
उल्लेखनीय हो कि पिछले सप्ताह वीडियो काफी तेजी से वायरल हुई थी। जिसमें लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात चौकीदार से कृषि पदाधिकारी सहित ने उठक-बैठक करवाते हुए पैर के बल बिठाकर माफी मंगवाई गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के आदेश पर वीडियो में दिख रहे अररिया के एक एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड किया गया था। लेकिन इस पूरे प्रकरण के मुख्य दोषी को दंडित करने की बजाए प्रमोशन मिलना बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।