
अररिया। सांपों में सबसे विषैला कोबरा माना जाता है। कहावत है कि कोबरा का काटा पानी भी नहीं मांगता। कोबरा का विष जितना खतरनाक होता है, उतना ही यह सांप तेज और फुर्तीला होता है। कोबरा के विष की इंटरनेशनल मार्केट में तस्करी होती है। जिसमें भारत के भी लोग भी शामिल है। गुरुवार को बिहार के अररिया जिले में एसएसबी के जवानों ने कोबरा के जहर की तस्करी करने वाले एक गिरोह के तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 15 करोड़ रुपए के विष बरामद किए गए है।
सिकटी और फुलकाहा के हैं तस्कर, पूछताछ जारी
एसएसबी ने अररिया के पीरगंज के निकट दो बुलेटप्रूफ जार में करीब 15 करोड़ रुपए के कोबरा का जहर जब्त किया है। एक जार का वजन 1800 ग्राम तथा दूसरे जार का वजन 1730 ग्राम है। कोबरा के जहर के साथ
एसएसबी इंटेलिजेंस के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में एक ग्राम कोबरा के विष की कीमत करीब 10 हजार रुपए है। पकड़े गए तस्करों में सिकटी के नरेश यादव और जितेंद्र यादव शामिल है। तीनों तस्करों को एसएसबी जवानों ने वन विभाग अररिया को सौंप दिया गया है।
दवा और नशीले पद्वार्थ बनाने में यूज होता है जहर
पूछताछ में तीनों तस्करों ने खुलासा किया कि कोबरा विष पश्चिम बंगाल के मालदह से डिलेवरी कराई गई थी। मालदह के नारायण साह उर्फ गोपाल दा ने डिलेवरी दी थी। जहर को बंगाल के रास्ते चीन भेजने की तैयारी थी। कोबरा विष का प्रयोग दवाइयों और नशीली पदार्थ बनाने में होता है। जिस जार में विष रखा गया था उसपर मेड इन फ्रांस लिखा है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि विष फ्रांस से चीन भेजन की तैयारी थी। गिरफ्तार किए गए तीनों तस्करों से आगे की पूछताछ की जा रही है।
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