बिहार में भारतीय पुरातत्व विभाग का पटना सर्कल केंद्र सरकार के मिशन अमृत सरोवर की पहल के तहत कुम्हरार तालाब का कायाकल्प कर रहा है। इसके तहत वहां गुरुवार को खुदाई में ईंट की दीवार मिली, जो लगभग दो हजार साल पुरानी है।
नई दिल्ली। बिहार की राजधानी पटना के एक शहरी इलाके में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई को संरक्षित कुम्हरार तालाब की खुदाई में करीब दो हजार साल पुरानी ईंट की दीवार मिली है। यह इलाका पटना रेलवे स्टेशन से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित है। यहां मौर्य काल में बसे शहर पाटलिपुत्र के भी अवशेष मिल चुके हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पटना सर्कल की अधीक्षक गौतमी भट्टाचार्य के अनुसार, बीते गुरुवार को एएसआई ने कुम्हरार इलाके में तालाब की खुदाई कराई, जिसमें ये ईंटों की दीवार मिली। दरअसल, केंद्र सरकार के मिशन अमृत सरोवर की पहल के तहत एएसआई कुम्हरार तालाब का पुनरोद्धार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है। तालाब के अंदर से ईंट की दीवार मिलना महत्वपूर्ण है।
'कुणाष युग की लग रही ईंट, जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे'
गौतमी भट्टाचार्य ने बताया कि तालाब के अंदर मिली इस दीवार का गहनता से अध्ययन किया जा रहा है। हमने दिल्ली स्थित मुख्यालय में भी इस बारे में जानकारी दे दी है। लग रहा है कि यह दीवार संभवत: कुषाण यु्ग की हैं। ईंटें देखने पर ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। वैसे पुख्ता तौर पर इसके बारे में पूरी जांच के आधार पर मिले निष्कर्ष के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
बता दें कि कुषाण काल 30वीं ईस्वी से 375 ईस्वी तक था। वहीं, कुम्हरार में स्थित मौर्य महल के आसपास मिले अवशेषों में आरोग्य विहार नाम से 80 खंभे वाला एक हॉल भी शामिल है। यहां मौर्य काल के अवशेष मिल चुके हैं। अब तक खुदाई में अजातशत्रु, चंद्रगुप्त और अशोक की पुरानी राजधानी को चिन्हित किया जा चुका है।
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