बिहार के बेगूसराय के साहेबपुर कमाल में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल बीच से टूट गया। हैरानी की बात यह है कि अभी तो इस पुल का उद्घाटन भी नहीं हुआ था, और उससे पहले ही यह धाराशायी हो गया। करीब 14 करोड़ की लागत से यह पुल बनकर तैयार हुआ था।
पटना. बिहार के बेगूसराय से एक दिलचस्प और राज्य सरकार के दावों के पोल खोल देने वाला मामला सामने आया है। जहां गंडक नदी पर करीब 14 करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले ही धाराशायी हो गया। यानि ओपनिंग से पहले वो टूटकर नदी में समा गया। अब इस हादसे के बाद पुल का निर्माण कराने वाली कंपनी और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
गिरने से दो दिन पहले ही इसे बंद किया गया था...
दरअसल, बेगूसराय में गंडक नदी पर बना यह पुल रविवार सुबह टूटकर पानी में समा गया है। 9 सालों से इस पुल का काम चल रहा था। इस पुल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ था। इसे करीब 14 करोड़ की लागत से बनाया गया था। बेगूसराय के डीएम का कहना है कि इस पुल के गिरने से दो दिन पहले ही लोगों की इस पर आवाजाही को बंद कर दिया गया था। क्योंकि पुल में दरार दिख रही थी जिसके बाद लोगों के इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। पुल की जांच के लिए शनिवार को इंजीनियर की विशेष टीम भी बुलाई गई थी। इसी दौरान यह गिर गया।
2012 में भूमि पूजन...2016 में काम शुरू और 2022 में बनने के बाद गिर गया
बता दें कि 206 मीटर लंबे पुल का निर्माण मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत कराया गया था। लंबे समय से उठ रही मांग के बाद साल 2012-13 में बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह की पहल पर बूढ़ी गंडक नदी पर इस पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसका निर्माण कार्य 23 फरवरी 2016 को शुरू हुआ था। इसकी लागत में करीब 1343.32 लाख खर्च आया था, जो 22 अगस्त 2017 को बनकर तैयार हो गया था। लेकिन एप्रोच मार्ग का निर्माण के चलते इसे बंद कर दिया गया।
सरकार और कंपनी से लोग कर रहे सवाल
मिली जानकारी के मुताबिक, पुल बनाने का टेंडर बेगूसराय की ही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। बताया जा रहा है कि बेगूसराय के मां भगवती कंस्ट्रक्शन ने इस पुल का निर्माण कराया था। लेकिन अब इस कंपनी के साथ-साथ नीतीश सरकर भी सवालों के घेरे में आ गई है। पुल को लेकर लोग सवाल कर रहे हैं कि इसे बनाने के दौरान नियमों की अनदेखी की गई। लूट के कारण ये पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।