डोरीगंज और मनेर की सीमा पर नास के पास हादसा हुआ है। कोईलवर से बालू लाद कर नाव लौट रही थी। नाव पर बालू लादने और उतारने वाले मजदूरों के साथ ही मल्लाह भी थे।
छपरा। बिहार के छपरा में बालू लदी नाव नदी में पलट गई है। नाव पर बालू के लादने गए 14 मजदूर भी सवार थे। इन मजदूरों के डूबने की आशंका जताई जा रही है। नाव पलटने की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मजदूरों को ढूंढने का काम किया जा रहा था। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि कई मजदूर तैर कर नदी से बाहर निकल गए। फिलहाल, हादसे के पीड़ित परिवारों के बारे में अभी तक कोई आंकलन नहीं किया जा सका है।
यहां हुआ हादसा
डोरीगंज और मनेर की सीमा पर नास के पास हादसा हुआ है। कोईलवर से बालू लाद कर नाव लौट रही थी। नाव पर बालू लादने और उतारने वाले मजदूरों के साथ ही मल्लाह भी थे। गंगा में लापता हुए मजदूर मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के बताए जा रहे हैं। गंगा में बढ़ाव और बहाव ज्यादा होने से अधिकारी एक तरह से असहाय बने हुए हैं। हालांकि, मजदूरों को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा था।
पहले भी हो चुका है हादसा
बीते 10 अगस्त को नाव उत्तर प्रदेश के महुली घाट से बालू बेचकर वापस आ रही थी। बिंदगावा गांव के सामने आरा-छपरा पुल के पाए से टकराकर यह नाव पलटकर डूब गई थी। इसमें नाव सवार 6 लोग लापता हो गए थे। अंधेरा होने के कारण नाव बिंदगावा गांव के पास आरा-छपरा पुल के पाए से टकरा गई। नाव पर 12 मजदूर सवार थे। इसमें से 6 मजदूर नदी की धारा में तैरते हुए रहरिया घाट के सामने पहुंचे। वहां सोन की तरफ से आ रही नाव पर सवार मजदूरों ने 6 लोगों को बचा लिया था।