जन्म के दो घंटे बाद भी बच्चे को फीड नहीं कराया जा सका। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसे सदर अस्पताल के SNCU में रेफर कर दिया गया है। डॉक्टर के मुताबिक बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है।वहीं तीन हाथ-पैर वाले बच्चे के जन्म के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
गोपालगंज : बिहार (Bihar) के गोपालगंज (Gopalganj) में एक महिला ने गुरुवार को अद्भुत बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के तीन हाथ और तीन पैर हैं। महिला बैकुंठपुर सीएचसी में भर्ती है। हालांकि जन्म के दो घंटे बाद भी बच्चे को फीड नहीं कराया जा सका। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसे सदर अस्पताल के SNCU में रेफर कर दिया गया है। डॉक्टर के मुताबिक बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है, लेकिन वह खतरे से बाहर है। वहीं तीन हाथ-पैर वाले बच्चे के जन्म के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
मां की नॉर्मल डिलीवरी
बैकुंठपुर के रेवतिथ निवासी मोहम्मद रहीम अली की 30 साल की पत्नी रबीना खातून को डिलीवरी पेन हुआ। परिजनों ने उन्हें बैकुंठपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। गुरुवार सुबह 7:30 बजे महिला ने बच्चे को जन्म दिया। तीन किलो दो सौ ग्राम बच्चे का वजन डॉक्टरों ने बताया। बच्चे की जब शारीरिक जांच की गई तो उसके तीन हाथ और पैर थे।
डॉक्टर ने क्या कहा
अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. आफताब आलम ने बताया कि सिंट्रॉनिक कारण से ग्रोथ में परिवर्तन होता है। ग्रोथ में विकार उत्पन्न होने से गर्भस्थ शिशु के हाथ और पैर की संख्या में भी वृद्धि जाती है। सुबह दस बजे के बाद नवजात में ऑक्सीजन की कमी पाई गई। मां का दूध पीने में भी बच्चे को परेशानी हो रही थी। ऐसी स्थिति में उसे सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड में इलाज के लिए रेफर किया गया।
लाखों में एक बच्चा ऐसा होता है
डॉक्टर आफताब आलम ने कहा कि सिंड्रोम की वजह से ऐसे एबनॉर्मल नवजात का जन्म हुआ है। ऐसा एक लाख में एक केस सामने आता है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि परिजनों ने अल्ट्रासाउंड भी कराया था। लेकिन निजी अल्ट्रासाउंड संचालकों की ओर से संचालित लैब के रिपोर्ट में भी चिकित्सक इस खामी को नहीं पकड़ पाए।
इसे भी पढ़ें-कहानी विजेंद्र सिंह राठौड़ की: केदारनाथ त्रासदी में लापता हुई पत्नी, 19 महीने भटककर ढूंढ निकाला,अब बनेगी फिल्म
इसे भी पढ़ें-डॉग से ऐसा प्यार नहीं देखा होगा:मां से कहा खुद मर जाऊंगा, कुत्ते को नहीं मारूंगा और गोद में लेकर लगा ली फांंसी