
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाहर फंसे लोगों के रेल किराये को लेकर शुरू हुई बयानबाजी पर आज न केवल विराम लगाया बल्कि बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ऐसे छात्र, मजदूर, पर्यटक एवं अन्य लोगों का रेल किराया देने के साथ ही उन्हें 500 रुपये अलग से देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के कोटा एवं अन्य स्थानों से जो भी बिहार आ रहे हैं उन्हें रेल किराया नहीं देना होगा। इसके लिए बिहार सरकार रेलवे को राशि दे रही है। साथ ही बाहर फंसे मजदूरों एवं अन्य लोगों के लिए भी निर्णय लिया है कि उनके यहां आने तक के खर्च भी सरकार उठाएगी और उन्हें अलग से 500 रुपये भी दिया जाएगा।
क्वारेंटाइन सेंटर पर सभी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर फंसे मजदूर एवं अन्य लोग जिस स्टेशन से ट्रेन पकड़ेंगे और उनके गंतव्य तक पहुंचने का किराया सरकार देगी। साथ ही 21 दिन का क्वारंटाइन पूरा होने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को रेल किराया के अतिरिक्त 500 रुपये दिया जाएगा या बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को न्यूनतम एक हजार रुपये दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रखंड मुख्यालय में बने क्वारंटाइन केंद्र में उनके खाने-पीने, रहने, चिकित्सा, शौचालय की बेहतर व्यवस्था की गई है।
तेजस्वी ने की थी किराया देने की घोषणा
सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हमलोग सदैव लोगों के हित में काम करते रहे हैं और चाहते हैं कि यह काम निरंतर होता रहे, लेकिन हमने देखा है कि इधर काफी बयानबाजी हो रही है। इसको देखते हुए हमने सोचा कि बाहर फंसे लोगों के लिए हम जो कर रहे हैं उसकी जानकारी दे दी जाए अन्यथा लाभ मिलने के बाद लोग इसके बारे में अपने आप बताते। बता दें कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के आने से रेल किराया लिए जाने की चर्चा के बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने ऐसे लोगों का किराया दिए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद नीतीश ने यह सफाई दी।
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