भोजपुर के शहीद जवान रमेश रंजन के सम्मान में बिहार पुलिस की बंदूकें एक बार फिर विभाग को किरकिरी करा गई। इससे पहले पूर्व सीएम जग्रन्नाथ मिश्रा के निधन के समय उनके सम्मान में बिहार पुलिस की बंदूकें फायर नहीं हो सकी थी।
भोजपुर। बिहार के भोजपुर जिले के सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामुला सेक्टर में आतंकियों से हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनका शव गुरुवार को पटना लाया गया। जहां से उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव लाया गया था। जहां ग्रामीणों की भारी भीड़ और पुलिस और सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारत माता की जयकारे लगाए गए। शहीद के सम्मान में बिहार पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने फायर की। लेकिन बिहार पुलिस की बंदूकें एक बार फिर दगा दी गई। जवान ट्रिगर दबाते रहे लेकिन जंग लगी बिहार पुलिस की बंदूकें गोलियां उगलने में नाकामयाब रही।
जग्रन्नाथ मिश्रा के निधन के समय भी नहीं हुई थी फायर
बिहार पुलिस के जवानों की बंदूकें फायर नहीं होने से विभाग की किरकिरी हुई। बता दें कि इससे पहले भी बिहार पुलिस की जंग लगी बंदूकें विभाग की किरकिरी करा चुकी है। कुछ दिनों पहले जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जग्रन्नाथ मिश्रा का निधन हुआ था, तब उनके सम्मान में सुपौल में बिहार पुलिस के जवानों ने फायर की थी। लेकिन वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में कई बार ट्रिगर दबाने के बाद भी बिहार पुलिस की बंदूकें गोलियां उगलने में कामयाब नहीं हो सकी थी। इस घटना को लेकर देशव्यापी बिहार पुलिस की किरकिरी हुई थी।
शहीद के पिता ने की परमवीर चक्र की मांग
बेटे की शहादत पर फ्रख जताने वाले उनके पिता राधामोहन सिंह ने अंतिम संस्कार के समय बेटे के लिए परमवीर चक्र की मांग की। भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड में बभनियांव पंचायत के देवटोला-मठिया गांव के निवासी राधामोहन सिंह ने साफ कहा कि मुझे मुआवजा की कोई जरूरत नहीं है। मेरे बेटे ने आंतिकयों को मारते हुए मातृभूमि पर अपना जान न्योछावर किया है। उसे परमवीर चक्र दिया जाना चाहिए। शहीद के अंतिम संस्कार के समय आस-पास के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुटी थी।