चिराग पासवान ने लेटर के साथ ट्वीट कर लिखा-'पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं।
पटना (बिहार). अब बिहार में पारिवारिक सियासी संग्राम शुरू हो गया है। अपनी ही पार्टी के संसदीय बोर्ड से बेदखल किए जाने के बाद LJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए अपने चाचा पशुपति पारस के पुराने 6 लेटर शेयर किए हैं। जिससे पता चलता है कि पशुपति पारस की बदौलत ही पार्टी में दो दो-फाड़ हुई हैं।
पार्टी मां के समान होती है और मां से धोखा नहीं करते
चिराग पासवान ने लेटर के साथ ट्वीट कर लिखा-'पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं'।
आप कभी भी मेरे फैसले खुश नहीं हुए
बता दें कि चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर जारी किए छह पेज के इस लेटर को होली के दिन लिखा बताया है। जो चिराग ने पशुपति पारस को 29 मार्च 2021 को लिखे थे। इन पत्रों में लिखा है कि रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आपमें बदलाव देखने को मिलने लगा था। प्रिंस की जिम्मेदारी चाची ने मुझे दे दी और कहा कि आज से मैं ही उसके पिता के समान हूं। मैंने उसका हर पल पर साथ दिया, इतना ही नही उसे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मैंने ही दी। पूरा परिवार और पार्टी के सभी लोग इस फैसले से खुश थे। लेकिन सिर्फ पशुपति चाचा इस फैसले से दुखी थे। आपने तो उसे नई जिम्मेदारी की शुभकामनाएं तक नहीं दी थीं।
पापा के निधन के बाद मुझसे बात करना तक बंद कर दिया था...
चिराग ने अगले लेटर में लिखा है कि आपने तो पापा के निधन के बाद मुझसे बात तक करना बंद कर दी थी। आपने पापा के रहते हुए भी पार्टी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उस वक्त आप सफल नहीं हो पाए थे। इतना ही नहीं जब पापा की तेरहवीं में भी 25 लाख रुपये मां को देने पड़े इससे मैं दुखी था।वहीं प्रिंस राज पर रेप के मामले का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि प्रिंस पर आरोप के दौरान भी मैं परिवार के साथ खड़ा रहा। लेकिन आप साथ नहीं थे।