बिहार का नेपाल के साथ बेटी-रोटी का संबंध है। बिहार के कई जिलों से नेपाल की सीमा लगती है। खास बात यह है कि बिहार-नेपाल की सीमा खुली हुई है। सीमा पर नजर रखने के लिए एसएसबी के जवान तैनात है। लेकिन खुली होने के कारण इस रास्ते कई तरह के गैरकानूनी काम भी होते हैं। अब इसी रास्ते बिहार में कोरोना फैलाने की साजिश चल रही है।
पटना। नेपाल के रास्ते बिहार और भारत में कोरोना फैलाने की साजिश चल रही है। भारत और नेपाल की सीमा 1690 किलोमीटर लंबी है। जिसका बड़ा हिस्सा बिहार में है। दोनों देशों के बीच का ये बॉर्डर खुला है। नेपाल जाने के लिए कोई वीजा की जरूरत नहीं होती है। लिहाजा इस खुले बॉर्डर से कई तरह के गैर कानूनी काम भी होते है। अब इस सीमा से कोरोना को फैलाने की साजिश चल रही है। इस साजिश का खुलासा एसएसबी के एक गुप्त पत्र से हुआ है। ये पत्र पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को लिखा गया है।
नेपाल निवासी जालिम मुखिया मास्टरमाइंड
इस पत्र में बताया गया है कि नेपाल से कोरोना संदिग्धों को बिहार (भारत) में घुसाने की तैयारी चल रही है। साजिश का ‘मास्टरमाइंड’ नेपाल निवासी जालिम मुखिया है। वह बड़ी संख्या में संक्रमितों के साथ कुछ पाकिस्तानियों को सीमा के रास्ते भेजने की प्लानिंग को अंजाम तक पहुंचाने में लगा है। एसएसबी की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। एक समुदाय विशेष के 40 से 50 संदिग्धों के भारत में पहुंचने की बात है। जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन से लेकर मुख्यालय तक अलर्ट है। सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है।
नेपाल में पहुंच चुके हैं 200 संदिग्ध
पूर्वी. चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी व अन्य सरहदी जिलों के डीएम व एसपी ने पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। एसएसबी की 47 वीं बटालियन के कमांडेंट ने बीते 3 अप्रैल को प. चंपारण के डीएम व एसपी को भेजी रिपोर्ट में साजिश की जानकारी दी थी। करीब 200 संदिग्ध नेपाल पहुंच चुके हैं। रास्ते में कई संदिग्ध शरीर का तापमान कम रखने के लिए पैरासिटामॉल टेबलेट खा रहे हैं। ताकि वो सीमा पर लगे मेडिकल चेकअप कैंप में पकड़ में नहीं आ सके। भारत में प्रवेश के बाद अन्य लोगों को कोरोना से संक्रमित कर सके।