लॉकडाउन में भूखे प्यासे घर निकले मजदूर...साइकिल रिक्शा में इंजन लगा किया 800 किमी. का सफर

मजदूर ने कहा, 'जो भी पैसा था हमारा वो खत्म हो गया। इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था। तो हमने इस रिक्शे का सहारा लेने का फैसला किया। हम तीन दिन या चार दिन में पहुंच जाएंगे।' 

Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2020 11:47 AM IST / Updated: Mar 27 2020, 05:27 PM IST

लखनऊ. कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को कंट्रोल करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके चलते देशभर के प्रवासी मजदूर शहरों से पैदल ही निकल पड़े हैं। इस दौरान दिल को झकझोर देने वाली कई खबरें सामने आ रही हैं। मजदूर घर जाने के लिए सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। तो कहीं कोई जुगाड़ निकालकर घर पहुंच रहा है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के चंदौली से सामने आया है। बिहार के मधुबनी के रहने वाले तीन लोगों ने साइकिल रिक्शे पर पुराने स्कूटर का इंजन लगाया और दिल्ली से घर जाने के लिए निकल पड़े।

ये मजदूर हैं लालू महतो, गोरे लाल महतो और उनके ही परिवार का एक और सदस्य। ये तीनों चंदौली में हाइवे पर जा रहे थे पुलिस ने देखा तो रोक लिया। तीनों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

न तो खाना था और न ही पैसे

पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि जब लॉकडाउन के बाद बसें बंद हो गईं और सीमाओं को सील कर दिया तो उन्होंने मंगलवार को दिल्ली से घर जाने का फैसला किया, क्योंकि उनके पास न तो खाना था और न ही पैसे। 

 

हमें जाने दीजिए 

पुलिसकर्मी उनसे पूछ रहे हैं कि 800 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद क्या वे कुछ आराम करना चाहते हैं? इस पर एक ने कहा, 'नहीं हम लोग थके नहीं हैं, हम आगे जाना चाहते हैं। कृपया हमें जाने दीजिए।'

तीन चार दिन में गांव पहुंच जाएंगे

लालू मेहता ने रिपोर्टर से कहा, 'जो भी पैसा था हमारा वो खत्म हो गया। इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था। तो हमने इस रिक्शे का सहारा लेने का फैसला किया। हम तीन दिन या चार दिन में पहुंच जाएंगे।' 

पुलिस ने मुहैया करवाए पास

चंदौली जिला प्रशासन के मुताबिक उन्हें खाना दिया गया और आगे यात्रा करने में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए पास भी मुहैया करवाए हैं। इसके साथ ही उनका मेडिकल चेकअप भी किया गया है। 

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