बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ऑन द स्पॉट फैसले लेने के लिए जाने जाते है। रविवार को उन्होंने महिलाओं से मिली शिकायत पर मामले की खुद जांच कर थाने में कार्यरत सभी जवानों पर कड़ी कार्रवाई कर दी।
पटना। त्वरित और अलग तरीके काम करने के लिए मशहूर बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने रविवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए पटना के एक थाने में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई कर दी। डीजीपी ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया। साथ ही थाने में कार्यरत 9 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। मामला पटना से 20 किलोमीटर दूर गौरीचक थाने की है। जहां रविवार को डीजीपी स्वयं पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की। लोगों ने डीजीपी से शिकायत करते हुए बताया कि यहां देसी शराब का निर्माण किया जाता है। जिसकी शिकायत उन लोगों ने कई बार थाने से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिलाओं की इस शिकायत पर डीजीपी ने स्वंय मामले की जांच की और दारोगा को सस्पेंड करते हुए गौरीचक थाने में तैनात सभी जवानों को लाइन हाजिर कर दिया।
दो दिनों से अभियान चला रही थी महिलाएं
बता दें कि गौरीचक थाना क्षेत्र के चिपुरा खुर्द मुसहरी गांव में मुखिया सतीश कुमार के नेतृत्व में महिलाएं शराब निर्माण और उसके कारोबारियों के खिलाफ बीते दो दिनों से अभियान चला रही थी। अभियान की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी थी। सूचना पर पुलिस आंदोलनरत महिलाओं से मिलने पहुंची भी थी। लेकिन 20 मिनट बाद ही क्षेत्र में गोलीबारी का बहाना बनाकर बिना कोई कार्रवाई किए चली गई थी। मामले की सूचना डीजीपी को दी गई थी। जिसके बाद डीजीपी स्वंय चिपुरा खुर्द गांव के मिडिल स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। जिसके बाद उन्होंने ये हार्ड डिसीजन लिया।
डीजीपी ने अभियान चला रही महिलाओं का बढ़ाया हौसला
सस्पेंड किए गए गौरीचक थाना के दारोगा की पहचान रमण कुमार के रूप में हुई है। रमण कुमार के साथ-साथ गौरीचक थाना में कार्यरत अन्य पुलिस कर्मियों को भी लाइन हाजिर किया गया है। कार्रवाई के इतर डीजीपी ने शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही महिलाओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि नशा एक व्यक्ति नहीं पूरे समाज को बर्बाद कर देता है। इससे अपराध का ग्राफ बढ़ता है। समाज में कई तरह की बुराइंया फैलती है।