कोरोना के डर के बीच अब बर्ड फ्लू से सनसनी, इस एरिया में सभी मुर्गियों को दफनाने का फरमान

Published : Mar 27, 2020, 11:57 AM IST
कोरोना के डर के बीच अब बर्ड फ्लू से सनसनी, इस एरिया में सभी मुर्गियों को दफनाने का फरमान

सार

कोरोना के साथ-साथ बिहार में बर्ड फ्लू के मामले की भी पुष्टि भी हो गई है। पुष्टि होते ही सरकार ने चिह्नित स्थल के एक किलोमीटर की परिधि में सभी मुर्गी व बत्तख को दफनाने का आदेश दिया है।   

पटना। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच बिहार में एक और बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। बीते दिनों पटना, नालंदा, भागलपुर, मुंगेर, बांका सहित राज्य के कई जिलों में मुर्गी, बत्तख, कौए की मौत के मामले सामने आए थे। जिसके बाद बर्ड फ्लू अथवा स्वाइन फ्लू की आशंका जताई जा रही थी। मृत पक्षियों का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया था। टेस्ट रिपोर्ट में बिहार के दो जिलों में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई है। जिसके बाद सरकार ने एहतियात उक्त स्थल के चारों ओर एक किलोमीटर के क्षेत्र के सभी मुर्गी-बत्तख को दफनाने का निर्देश दिया है।   

केंद्र सरकार ने फाइनल रिपोर्ट किया सबमिड
बता दें कि पटना के अशोकनगर और नालंदा के कतरीसराय में मुर्गी में बर्ड फ्लू पॉजिटिव पुष्टि की फाइनल रिपोर्ट केंद्र ने गुरुवार को बिहार को भेज दी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्युरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) भोपाल की फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद अब इन दोनों स्थानों के आसपास के एक किलोमीटर के अंदर के सभी मुर्गी फार्म के मुर्गे-मुर्गियों के साथ अन्य पक्षियों बत्तख को कलिंग कर मिट्टी में दफनाया जाएगा। इस संबंध में पशु व मत्स्य संसाधन विभाग ने दोनों जिलों को निर्देश दिया। 

मुआवजा देकर सरकार करवाएंगी किलिंग
इधर कोरोना के कारण लॉकडाउन से राज्य के विभिन्न जिलों के मुर्गी फार्म से मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू जांच के लिए सीरम सैंपल कलेक्ट कर आरडीडीएल कोलकाता और एनआईएचएसएडी भोपाल नहीं भेजा जा पा रहा है। इससे अन्य जिलों में भी मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू जांच प्रभावित है। पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कोरोना और बर्ड फ्लू मामले पर गुरुवार को आपात बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, उस क्षेत्र के एक किलोमीटर एरिया के मुर्गी व बत्तख पालकों को सरकार मुआवजा देकर किलिंग कराएगी। प्रति वयस्क मुर्गी व बत्तख के लिए 90 से 130 रुपए तक मुआवजा दिए जाते रहे हैं।

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